जालंधर,(संजय शर्मा \विशाल)-गर्मी बढ़ने के साथ शहर की सड़को के नजदीक मिटटी के घड़े यानि देशी फ्रिज घड़े की दुकान सज गई है। ठंडा पानी पीने के लिए लोग घड़ा खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंचने लगे हैं। न बिल का झंझट न बिजली का इंतजार, पानी भरते ही कुछ ही घंटों में लोगों को ठंडा पानी मिलने लगता है मिट्टी के बर्तन घड़ा व सुराही बनाने का काम तेज हो गया है। हालांकि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को कहना है कि पहले से अब काफी अंतर आ गया है लेकिन गर्मी शुरू होते ही घड़ों के खरीदार बढ़ जाते हैं। वैसे तो आजकल फ्रिज हर घर में मौजूद है, लेकिन घड़े को लेकर भी लोग सकारात्मक हैं। बाजार में मौजूद डिजाइनर और सुंदर मटकों की मौजूदगी लोगों को आकर्षित करती है। मिट्टी के इन घड़ों की खरीदारी भी लोग शौक से करते हैं।पहले लोग मिट्टी से बने घडे़ व सुराही में पानी को रखकर उसे ठंडा करते है पहले गर्मी में घड़ा ही देशी फ्रिज का काम करता है लेकिन समय और परिस्थितियां बदलने और समृद्धि बढ़ने के साथ आज ज्यादातर घरों में फ्रिज पाए जाते हैं। शहर की मिट्टी के बर्तन की दुकानों में विभिन्न आकार और प्रकार के डिजाइनर घड़े व सुराही मौजूद हैं। सुंदर डिजाइनर सुराही लोगों को अधिक आकर्षित कर रहे हैं। इन घड़ो में अब पानी निकालने के लिए टोंटी भी लगाए जा रहे हैं जिसके जरिये आसानी से पानी बाहर आ जाता है । घडे़ का ठंडा पानी स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहतर होता हैं। कई खरीदार ऐसे भी आते हैं, जो होते है कि उन्हें डाक्टरों ने घडे़ का पानी पीने की सलाह दी है। मिटटी के घड़े के रेट की बात करे तो मिटटी के घड़े 120 से लेकर से 240 रुपये तक बिक रहे हालांकि मिट्टी के बर्तन में खाने पीने का अपना अलग आनंद है