जालंधर,(विशाल) –पिछले साल दर्ज की 1531 एफ.आई.आरज़. के साथ ज़िला जालंधर में साल 2020 में नाजायज शराब के कारोबारियों और तस्करों ख़िलाफ़ पुलिस मामलों में 64.99 प्रतिशत विस्तार हुआ है। जिले में नाजायज शराब के कारोबार विरुद्ध की जा रही करवाई की समीक्षा करने के लिए ज़िला स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने समूह आधिकारियों को इस नशे ख़िलाफ़ चलाई जा रही मुहिम को और तेज करने के निर्देश दिए। इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पुलिस आधिकारियों की तरफ से साल 2019 में जिले में 995 एफ.आई.आरज़ दर्ज की गई थी, जिन में साल 2020 में 1531 एफ.आई.आरज़ दर्ज होने साथ 64.99 प्रतिशत का विस्तार हुआ है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि रैड् रोज़ अभियान अधीन अब तक कुल 1563 दोषियों की गिरफ़्तारी के इलावा आबकारी एक्ट के अंतर्गत 1531 एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं। उन्होनें बताया कि अलग -अलग विभागों की तरफ से शराब की 103832 बोतलें निर्यात की हैं और गोदामों, मैरिज पैलेसों और चावलों के शैलरों सहित 2716 स्थानों की चैकिंग की गई है। डिप्टी कमिश्नर ने समीक्षा मीटिंग दौरान आबकारी और पुलिस विभाग को जिले में किसी भी तरह की शराब तस्करी और नाजायज कारोबार ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही करने के आदेश दिए। उन्होनें कहा कि ऐसी किसी भी गतिविधि से जुडे दोषियों ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाये।थोरी ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले में शराब की तस्करी और नाजायज कारोबार पर लगाम लगाने के लिए विशेष चैकिंग की जाये। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि तहसील और सब डिविज़नल स्तर पर आबकारी विभाग के साथ सिविल और पुलिस प्रशासन की सांझी टीमों की तरफ से ठोस प्रयत्न किये जाने की ज़रूरत है। उन्होनें कहा कि टीमें जिले में शराब की तस्करी, नाजायज कारोबार और शराब की नाजायज भट्टियाँ, अगर कोई हैं तो उसकी जांच को यकीनी बनाने के लिए सामुहिक तौर पर काम करना चाहिए