जालंधर ,(विशाल)-गंभीर कोविड मरीज़ों के लिए मानक इलाज को यकीनी बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के महत्वपूर्ण प्रयत्न करने के तहत सिविल अस्पताल, जालंधर अगले तीन महीनों में आक्सीजन जनरेशन प्लांट वाला पंजाब का पहला सरकारी अस्पताल बन जाएगा। 700 एलपीएम सामर्थ्य वाले प्लांट के काम को तेज़ी से पूरा करने को यकीनी बनाते हुए जालंधर आधारित एक प्राईवेट फर्म को 88.20 लाख रुपए के टैंडर दिए गए हैं, जिसको फरवरी के अंतिम सप्ताह तक काम पूरा करना होगा।इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि आक्सीजन प्लांट रोज़ाना की 700 -एलपीएम आक्सीजन पैदा करेगा, जो 225 -230 सिलंडर के बराबर है। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में प्लांट लगाने से वैंडर की तरफ से अन्य प्राईवेट अस्पतालों को आक्सीजन सिलंडरों की सप्लाई बढाई जा सकती है, क्योंकि यहाँ इस्तेमाल किए जा रहे 225 -230 सिलंडर, कोविड की दूसरी लहर की संभावना के मद्देनज़र दूसरों को दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्लांट सिविल अस्पताल में गंभीर मरीज़ों को जीवन रक्षक गैस की निर्विघ्न सप्लाई को यकीनी बनाएगा और इसमें बिजली जनरेटर की सुविधा भी होगी। थोरी ने कहा कि यह प्लांट कोविड मरीज़ों की कीमती जीवन को बचाने में सहायक को सिद्ध होगा और लैवल -2 के मरीज़ों के इलाज के लिए महामारी का कुशलता से मुकाबला करने में भी सहायक होगा। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में 340 बैंडों पर पहले ही आक्सीजन सप्लाई लाईन लगाई जा चुकी है और भविष्य में भी इस जीवन रक्षक गैस की किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए यह प्राथमिक ज़रूरत है ,और यह प्लांट कोविड -19 विरुद्ध लड़ाई में अहम भूमिका अदा करेगा।लोगों से अपील करते हुए उन्होनें कहा कि लोग ज़ुकाम जैसे लक्षणों को हलके में न ले और तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ संपर्क करे । इस के इलावा कोविड टैस्ट करवाएं, जिससे समीपता को फैलने से रोका जा सके। उन्होनें कहा कि लोग डाक्टरों के पास देर से पहुँच रहे हैं, जिस कारण उनकी स्थिति ख़राब हो रही है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के साथ मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार के पास स्रोतों और मानवीय शक्ति की कोई कमी नहीं है। पंजाब हैल्थ सिस्टमज़ कारपोरेशन के कार्यकारी इंजीनियर सुखचैन सिंह ने बताया कि कंपनी की तरफ से पहले ही प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया गया है और आक्सीजन स्टोरेज टैंक का आर्डर दिया हुआ है, जोकि विदेश से आयात किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि आधिकारियों की एक टीम की तरफ से निरंतर प्लांट लगाने के काम की निगरानी की जा रही है