जालंधर,(विशाल)-जालंधर में सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों को बड़ी संख्या में यूनिक डिसएबिलटी आइडेंटी कार्ड (यू.डी.आई.डी.) जारी करने का फ़ैसला किया है। दिव्यांग व्यक्ति स्वंय का नाम कार्ड के लिए दर्ज करवाने के लिए सेवा केन्द्रों या सरकारी अस्पतालों के जरिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड या उम्र का कोई सबूत, पासपोर्ट साईज़ की फोटो के साथ अप्लाई कर सकते हैं। इसकी जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्यान थोरी ने बताया कि मैडीकल चैकअप के लिए विशेष कैंप सिविल अस्पताल में मंगलवार और गुरूवार को लगाए जा रहे हैं। उन्होनें कहा कि आवेदक दिव्यांगता सर्टिफिकेट से पहले अस्पताल आ सकते हैं, जहां आरथोपैडिकस, ई.एन.टी. और आंखों के माहिर, मनोवैज्ञानिक, पीडियाट्रिकस और अन्य शारीरिक तौर पर जांच करते हैं।उन्होनें कहा कि यह कार्ड दिव्यांग व्यक्ति को केवल पारदर्शिता, कुश्लता और सरकारी लाभ पहुँचाने के लिए उत्साहित करने के लिए नहीं बल्कि एकसामान मौके को यकीनी बनाने के लिए जारी किये जा रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कार्ड लागू करने के साथ सभी स्तरों जैसे कि गांव स्तर, ब्लाक स्तर, ज़िला स्तरीय, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर से लाभपात्रियों की शारीरिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होनें कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उनको मैडीकल सर्टिफिकेट के लिए बार -बार अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होनें कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए यू.डी.आई.डी. पूरे भारत में अलग-अलग योजनाओं अधीन अलग-अलग लाभ के लिए दिव्यांगों की पहचान तस्दीक करने का एक ही दस्तावेज़ होगा।यू.डी.आई.डी. योजना की नोडल अधिकारी डॉ. अनू ने कहा कि यू.डी.आई.डी. कार्ड धारक के निजी विवरण, योग्यताओं और पूरा पता जानने में भी सहायता करेगा क्योंकि इस पर क्यू.आर कोड छापा गया है। उन्होनें बताया कि इस कार्ड के द्वारा नेत्रहीनों को सरकारी बसों में मुफ़्त बस सफ़र की सुविधा होगी और अन्य दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी बसों में रियायती दरों 50 प्रतिशत पर सफ़र की सुविधा दी जायेगी।