लक्ष्मी नारायण मंदिर, इंडस्ट्रियल एरिया में जन्माष्टमी पर्व को धूमधाम से मनाया

जालंधर, (संजय शर्मा)-दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एवं श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, इंडस्ट्रियल एरिया, जालंधर के द्वारा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, इंडस्ट्रियल एरिया में जन्माष्टमी पर्व को धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी प्रवीणा भारती जी ने प्रभु की लीलाओं को भक्त श्रद्धालुओं को सुना कर उन्हें आनंदित किया। साध्वी जी ने प्रभु श्री कृष्ण जी की जीवन लीलाओं से संबंधित प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण का व्यक्तित्व अत्यंत विराट एवं अलौकिक है। उनके आदर्श जीवन से शिक्षा ग्रहण करके मानव अपने जीवन को महान बना सकता है। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का चरित्र,धर्म स्थापना के जिस संदेश को धारण किए हुए हैं वह हर काल, युग व देश की सीमाओं से परे है। श्री कृष्ण का जीवन चरित्र वर्तमान युग की समस्त समस्याओं का निवारण प्रस्तुत करता है। समाज की वर्तमान स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक मनुष्य का अंतःकरण अंधकारमय है। अज्ञानता के तम से आच्छादित है। जब जब मानव के भीतर अज्ञानता व्याप्त होती है, तब तब मानवों का समाज मानवता से रिक्त हो जाता है। मानव में मानवीय गुणों का हृास होने लगता है। समाज में अधर्म, अत्याचार, अनाचार, भ्रष्टाचार, व्यभिचार आदि कुरीतियाँ अपना सिर उठाने लगती हैं। यही कारण है कि हमारे ऋषि मुनियों ने उस परम तत्व के समक्ष ये प्रार्थना की है-हे प्रभु! हमारे भीतर के अंधकार को दूर कीजिए ताकि ज्ञान प्रकाश को पाकर हम अपने जीवन को सुन्दर बना सके। जब तक मानव अज्ञानता के गहन अंधकार से त्रस्त रहेगा, तब तक उसका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। अंधेरा हमें भ्रमित भी करता है और भयभीत भी करता है। प्रकाश में सब कुछ स्पष्ट दिखता है। न कोई भ्रम रहता है न ही भय । जिस प्रकार बाहर के प्रकाश से बाह्य अंधकार दूर होता है, उसी प्रकार आंतरिक ज्ञान प्रकाश से आंतरिक अज्ञान तमस नष्ट होता है। ज्ञान की प्राप्ति किसी पूर्ण गुरु की शरण में जाकर ही होगी, जो मानव के भीतर उस ईश्वरीय प्रकाश को प्रकट कर देते हैं। यही कारण है कि शास्त्रों में जब भी इस ज्ञान प्रकाश के लिए मानव जाति को प्रेरित किया तो इसकी प्राप्ति हेतु गुरु के सानिध्य में जाने का उपदेश दिया । कार्यक्रम के दौरान प्रभु श्री कृष्ण जी की महिमा से भरपूर भजनों का गायन साध्वी सदया भारती, साध्वी शब्दप्रिया भारती, रेखा भारती, प्रेमलता भारती जी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर अश्वनी पुरी, केवल चोपड़ा, के.के गुप्ता, राजिंदर कंबोज, राशिंदर शर्मा, प्रिंस कक्कड़, ठाकुर आनंद, जतिन कुमार, अशोक मेहता, रीतिका बधवा, राजन सेठ, सुशील शूर, करण सचदेवा, पंडित विजय शर्मा, पंडित, जगन शर्मा, दिनेश ढल, बावा हेनरी विधायक, के. डी भंडारी, मनोरंजन कालिया, पूर्णिमा बेरी सहित ओर भी प्रभु भक्त उपस्थित रहे।

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