जालंधर, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) वरिंदर पाल सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब कौशल विकास मिशन के तहत विभिन्न व्यवसाय-उन्मुख कोर्स के लिए प्रशिक्षण के बाद बिना किसी बैंक गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने कहा कि पी.एम. लकड़ी आधारित बढ़ई (सुथार) नाव निर्माता, लोहा/धातु/पत्थर आधारित शस्त्र बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, मूर्तिकार (मूर्तिकार पत्थर तराशने वाला, ) पत्थर तोड़ने वाला, सुनार, चांदी बनाने वाला, विश्वकर्मा योजना में जिला आधारित सुनार (सुनार), मिट्टी आधारित कुम्हार (कुम्हार), चमड़ा आधारित मोची (चर्मकार), जूता निर्माता/जूता कारीगर, वास्तुकला/निर्माण आधारित राजमिस्त्री (पत्थर बनाने वाला) और गुड़िया और खिलौना बनाने वाला (पारंपरिक), नाई, इनमें माला बनाने वाला (मालाकार), धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि जो कारीगर 18 वर्ष की आयु के है, उन्हें अपने कौशल की गुणवत्ता बढ़ाने, आजीविका में वृद्धि, मार्केटिंग सहायता निःशुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ टूल किट सहायता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अपने व्यवसाय से संबंधित कौशल विकास प्रशिक्षण लेने उपरांत 3 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी बैंक गारंटी के नियमों अनुसार प्राप्त कर सकता है।उन्होंने कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण के बारे में अधिक जानकारी के लिए उक्त कौशल से संबंधित कोई भी दफ्तर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण क्षेत्र), जालंधर के कमरा नंबर 03 या जिला रोजगार दफ्तर, तीसरी मंजिल, से जानकारी ले सकता है।