जालंधर, सियालकोट पाकिस्तान से आकर भार्गव कैंप में बसे पंजाब कांग्रेस के महासचिव व सीनियर कांग्रेसी नेता बाबू सरदारी लाल भगत का शुक्रवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 94 साल के थे। विधायक सुशील कुमार रिंकू ने उनके घर न्यू सुराज गंज जाकर बेटे सुदेश कुमार भगत और परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की। उनकी पार्थिव देह पर कांग्रेस का झंडा डालकर उनको श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बाबू सरदारी लाल जैसे दिग्गज और पुराने टकसाली नेताओं के कारण ही आज कांग्रेस जिंदा है। बाबू सरदारी लाल ने अपनी कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी ताउम्र निभाई है। वह अंत तक कांग्रेस के लिए काम करते रहे। उनकी इस देन को कांग्रेस और वह कभी भूला नहीं सकेंगे। रिंकू ने बताया कि बाबू सरदारी लाल का संस्कार मॉडल हाउस की शिवपुरी में बड़े सम्मान के साथ किया गया। हजारों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। रिंकू ने कहा कि सरदारी लाल के परिवार के साथ हमेशा दुख सुख में खड़े रहे हैं और आगे भी ऐसे ही खड़े रहेंगे। चौधरी सुरिंदर सिंह ने बताया कि सरदारी लाल सबसे सीनियर कांग्रेसी नेता थे। जिन्होंने अपना सारा जीवन कांग्रेस की सेवा में लगाया। वह आर्य समाज प्रतिनिधि सभा पंजाब के उप प्रधान के पद पर भी तैनात थे। उन्हें आर्य समाज की तरफ से आर्यरत्न की उपाधि से भी नवाजा गया था। वह डीएमसी लुधियाना ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे। वह दो से ज्य़ादा वार पार्षद भी रहे। उन्होंने भार्गव कैंप में कांग्रेस को खड़ा करने में अहम योगदान दिया। 2017 में पार्टी ने उनको पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया था। उनकी सेवाएं हमेशा याद की जाती रहेंगी।