सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के मामले की जांच एडीसी सारंगल को सौंपी

जालंधर-(विशाल)-जालंधर के 450 बेड वाले आधुनिक अस्पताल में जिसे अब कोविड अस्पताल में बदला गया है, कल ऑक्सीजन की सप्लाई अचानक बाधित होने के कारण इमरजेंसी वार्ड में अफरा तफरी मच गई। इससे वहां कोरोना इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों को परेशानी होने लगी तो वारिसों को पता चला। उन्होंने पता लगाने की कोशिश की तो सेहत कर्मचारी नहीं मिले। इससे अफरा तफरी मची तो कर्मचारी दौड़े-दौड़े आए और सप्लाई को रिजर्व में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए सही किया गया। मामला गुरुवार का है। इसका पता चलने के बाद डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने अतिरिक्त जिलाधीश विशेष सारंगल को जांच करने और की रिपोर्ट 24 घंटे में उन्हें देने के लिए। शुरूआती जांच में कहा जा रहा है कि ऑक्सीजन प्लांट ट्रिप कर गया था, जिसके बाद 5 मिनट में ही सप्लाई चालू कर दी गई। इस वक्त सिविल अस्पताल में सबसे ज्यादा 79 मरीज भर्ती हैं। सिविल में 340 बैड का सबसे बड़ा आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। ऐसे में इस तरह की चूक को अफसर हलके में लेने को तैयार नहीं हैं। यह हालात तब हैं जबकि कुछ दिन पहले ही सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई का ऑडिट हो चुका है। इसके बावजूद सेहत कर्मचारियों व अफसरों के स्तर पर कोरोना मरीजों को लेकर व्यवस्था में लापरवाही बरती जा रही है। सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर चूक का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां ऑक्सीजन की सप्लाई में गड़बड़ी सामने आ चुकी है, जबकि यहां रोजाना 410 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है

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