जालंधर,(विशाल)-सिविल अस्पताल में नए स्थापित किये गए आक्सीजन प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया गया है और डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने इस प्लांट की कार्य प्रणाली का जायज़ा लिया। ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि ज़िला प्रशासन की तरफ से प्लांट की संभाल और इसको चलाने के लिए अपेक्षित स्टाफ पहले ही तैनात किया जा चुका है ,ताकि कोविड केयर सैंटरों में मरीज़ों के लिए आक्सीजन की स्पलाई को यकीनी बनाया जा सके। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल कोविड के गंभीर मरीज़ों को मानक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाला राज्य का पहला ज़िला बन गया है, जिसके पास अपनी आक्सीजन स्पलाई करने के लिए प्लांट मौजूद है। उन्होनें बताया कि चार टैकनिकल आपरेटरों और सुपरवाईज़रों को इस प्लांट की देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि 88.20 लाख रुपए की लागत के साथ बनने वाले 700 एल.पी.एम. की सामर्थ्य के इस आक्सीजन प्लांट को पूरा करने का काम जालंधर अधारित प्राईवेट फर्म को दिसंबर 2020 में दिया गया है और प्लांट रोज़ाना 700 एलपीएम यानि 225 -200 सैलंडरों के बराबर आक्सीजन तैयार करता है। उन्होनें कहा कि सिविल अस्पताल में प्लांट लगाने के साथ वैंडर की तरफ से दूसरे प्राईवेट अस्पतालों को आक्सीजन सलैंडर की स्पलाई बढाई जा सकती है क्योंकि यहाँ इस्तेमाल किए जा रहे 225 -300 सैलंडरों, कोविड की दूसरी लहर की संभावना के कारण दूसरे को दिए जा सकते है। उन्होनें कहा कि यह प्लांट सिविल अस्पताल में गंभीर मरीज़ों को जीवन रक्षक गैस की निर्विघ्न स्पलाई को यकीनी बनाएगें और इसमें बिजली जनरेटर की सुविधा भी होगी। उन्होनें कहा कि यह प्लांट कोविड मरीज़ों की कीमती जान बचाने में सहायक साबित होगा और स्तर -2 के मरीज़ों के इलाज के लिए महामारी का बढिया ढंग के साथ मुकाबला करने में भी मदद करेगा। उन्होनें बताया कि सिविल अस्पताल में 340 बैडों पर पहले ही आक्सीजन स्पलाई लाईन लगाई जा चुकी है और भविष्य में भी इस जीवन रक्षक गैस की किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होनें बताया कि कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए यह प्राथमिक ज़रूरत है और यह प्लांट कोविड -19 विरुद्ध लड़ाई में अहम भूमिका निभाएगा।