जालंधर,(विशाल)- पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण किए जाने को लेकर बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय यूनियन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर 5 बैंक कर्मचारी और 4 बैंक अधिकारियों की यूनियन ने जिनमें की शाखाओं के प्रबंधक और कर्मचारी सभी सम्मिलित है इन सभी ने 2 दिन की अखिल भारतीय हड़ताल में भाग लिया। इनका कहना है कि सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों का निजीकरण करने में तुली हुई है। सरकार कर्मियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। बता दें कि आज लगातार दूसरा दिन है कि बैंकों को बंद रखा गया है। हाल ही में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष के बजट भाषण के दौरान 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की बात कही थी जिसके खिलाफ बैंक यूनियन ने भारत सरकार के इस निजीकरण के कदम का किसी भी कीमत पर विरोध करने का दृढ़ निश्चय जताया। इस देशव्यापी हड़ताल के फल स्वरुप लगभग 400 शाखाएं जालंधर शहर में जबकि 750 बैंक शाखाएं जालंधर जिले में पूर्णतया बंद रही,और लगभग 6000 बैंक कर्मचारी जालंधर जिले में और 3000 बैंक कर्मचारी जालंधर शहर में हड़ताल पर रहे। इस देशव्यापी हड़ताल के फल स्वरुप सिर्फ जालंधर शहर में ही कुल 500 करोड रुपए का लेनदेन प्रभावित हुआ। जिसमें 240 करोड़ रुपए की नगद लेनदेन और 30,000 चेक की क्लीयरिंग का 260 करोड रुपए का लेनदेन प्रभावित रहा। बैंक कर्मचारियों ने अपनी शाखाओं के बाहर निजिकरण का विरोध प्रदर्शन किया और उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक की सिविल लाइन शाखा के सामने इकट्ठे होकर एक विशाल के रैली के रूप में अपना रोष प्रदर्शन जताया ।यू एफ बी यू के कन्वीनर कामरेड अमृत लाल जी ने इस रैली को संबोधित किया और कहा की भारत सरकार सार्वजनिक बैंकों का जो निजीकरण करना चाहती है वह ना तो बैंक कर्मचारियों के हित में है और ना ही आम जनता के हित में क्योंकि सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के साथ ही आम जनता की सामाजिक बैंकिंग और अन्य आवश्यक बैंकिंग आवष्यकाओं की जरूरतों पर रोक लग जाएगी। जो आम जनता का पैसा है वह कॉरपोरेट घरानों के अपने हितों में प्रयोग किया जाएगा । इस विशाल विरोध प्रदर्शन में कामरेड अमृतलाल, कामरेड दिनेश डोगरा, कामरेड संजीव भल्ला, कामरेड विनय डोगरा ,कामरेड दलजीत कौर, कामरेड राजेश वर्मा, कामरेड आर के जौली, कामरेड विनोद शर्मा ,कामरेड सुनील कपूर, कॉमरेड दिलीप कुमार पाठक, कामरेड राजकुमार भगत , कामरेड पवन बस्सी, कामरेड कवरजीत सिंह कालरा, कामरेड एच एस बीर और कामरेड आर के ठाकुर इत्यादि सम्मिलित हुए और इसके साथ ही यूनियन के नेताओं ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए यह भी कहा सरकारी बैंकों के निजीकरण की नीति को तत्काल वापस नहीं लेती तो इस विरोध प्रदर्शन को देशव्यापी स्तर पर और तेज किया जाएगा