जालंधर, पंजाब सफाई मजदूर फैडरेशन के प्रधान चंदन ग्रेवाल ने आज एक बार फिर पंजाब सरकार को आढ़े हाथों लिया है। चंदन ग्रेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन का समर्थन करे सरकार अपना दायित्व निभा रही है, लेकिन पोस्ट मैट्रिक स्कीम के अंर्तगत पढ़ाई करने वाले लाखों दलित छात्रों के प्रति भी सरकार की कोई जिम्मेदारी है। पहले कोविड औॅर अब किसान आंदोलन की आढ़ में सरकार दलित छात्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। चंदन ग्रेवाल आज जालंधर के सी.टी. कालेज में अपने हितों की खातिर धरने पर बैठे छात्रों के समर्थन में गए थे। इस अवसर पर उनके साथ दीपक बाली, नवदीप बिल्ला, हैप्पी अलीपुर, सीमा, पूजा, हर्षदीप, निशा, अमन, मुकुल व वरूण भी मौजूद थे। छात्रों से बातचीत के बाद चंदन ग्रेवाल ने बताया कि ये सभी छात्र अपने हितों की खातिर धरने पर बैठने को मजबूर है। लेकिन न तो कालेज प्रबंधन उनकी सुनवाई कर रहा है और न ही पंजाब सरकार। चंदन ग्रेवाल ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कीम के अंर्तगत पंजाब के करीब सवा चार लाख छात्रों ने पढ़ाई की, लेकिन अब लंबा अर्सा बीत जाने के बावजूद छात्रों को विश्वविद्यालयों की तरफ से डिप्लोमा, डिग्री नहीं दी जा रही। जिस कारण छात्र अपने भविष्य की और आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। सरकार के इस रवैये के कारण राज्य के लाखों दलित छात्रों का भविष्य अधर में है। चंदन ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों, कालेज को पेमैंट ट्रांसफर न किए जाने का खामियाजा दलित छात्रो को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि कालेज प्रबंधकों द्वारा छात्रों की डिप्लोमा, डिग्री और डी.एम.सी. रोक लिए गए हैं। सरकार के इस रवैये के कारण लाखों दलित छात्र मानसिक परेशानी झेल रहे हैं। चंदन ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब सरकार किसान आंदोलन को समर्थन में बेशक बिज़ी है, लेकिन सरकार को राज्य के अन्य मुद्दों की और भी ध्यान देना चाहिए। चंदन ग्रेवाल ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह से अपील की कि जल्द से जल्द कालेज को पेमैंट ट्रांसफर की जाए ताकि छात्रों को उनकी रूकी हुई डिग्री और डिप्लोमा मिल सके। जिससे छात्र अपने और साथ साथ देश के सुनहरी भविष्य के सपने को साकार करने की और कदम बढ़ा सकें।