जालंधर,(विशाल)- सिविल सर्जन डाॅ. गुरिंदर कौर चावला ने बुधवार को 15 टीबी टीमों को एक्टिव केस फाइंडिंग स्क्रीनिंग स्कीम के तहत बीमारी के निदान, निगरानी और जागरूकता के लिए हरी झंडी दी। सभा को संबोधित करते हुए डाॅ. चावला ने कहा कि टीमें काजी मंडी, भारगो कैंप, लांबा पिंड, गढ़ा, आर्य नगर, संतोखपुरा, मीठापुर, रामा मंडी, डकोहा, भूर मंडी, बशीरपुरा, रविदासपुरा और अन्य क्षेत्रों में और 14 जनवरी, 2021 तक डोर-टू-डोर जाएगी और मामलों की जांच करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक टीम एक दिन में 40 घरों को कवर करेंगी और दैनिक रिपोर्ट विभाग को सुनिश्चित कर सौंपेगी। डॉ चावला ने कहा कि टीमें लोगों को टीबी के बारे में शिक्षित करेंगी कि यह कैसे फैलता है, इसका निदान और उपचार किया जाता है, ताकि 2025 तक इस बीमारी को देश से मिटाया जा सके। उन्होंने कहा कि जालंधर को टीबी मुक्त बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को मिटाने के लिए सभी हितधारकों को इस लड़ाई में शामिल होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी का इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। जिला टीबी अधिकारी डाॅ. रितु ने कहा कि जिले में 12 यूनिट सेंटर हैं, जहां रोगियों को मुफ्त परीक्षण और दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने मरीजों से टीबी का कोर्स पूरा करने की अपील भी की और कहा कि इसे कोर्स को बीच में ही छोड़ना नहीं चाहिए। क्योंकि इससे मरीजों के स्वास्थ्य पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है।