राष्ट्रीय लोक अदालत में 32773 मामलों का मौके पर ही किया निपटारा

जालंधर, (संजय शर्मा)- जिला कानूनी सेवा अथारिटी द्वारा शनिवार को जुडिशियल अदालतों में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 32,773 मामलों का निपटारा मौके पर ही राजीनामा के माध्यम से किया गया और इनमें कुल 33 करोड़ 61 लाख रुपये से अधिक के विवादों का निपटारा किया गया।

इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए जिला एवं सैशनज जज-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवा अथारिटी जालंधर निरभऊ सिंह गिल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत
जुडिशियल अदालतों और राजस्व विभाग में लंबित दीवानी, वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना कलेम केस, बिजली कानून कंपाउंडेबल, ट्रैफ़िक चालान और फौजदारी के समझौते हो सकने वाले केसों और अन्य संस्थान लगा जैसे बैंकों, बिजली विभाग, भारत संचार निगम और वित्तीय संस्थानों के प्रीलिटीगेटिव केसों का फ़ैसला राजीनामे द्वारा करवाने के लिए लगवाया गया था
उन्होंने कहा कि जिला जालंधर में 17, नकोदर में 2, फिल्लौर में 1 सहित कुल 20 बैंच स्थापित की गई हैं। जिला अदालतों जालंधर, नकोदर और फिल्लौर में उपरोक्त श्रेणियों से संबंधित कुल 34083 मामले सुनवाई के लिए रखे गए थे, जिनमें से 32773 मामलों का मौके पर ही राजीनामा के माध्यम से निपटारा किया गया। उन्होंने आगे बताया कि इन मामलों में कुल 33,61,65,676 रुपये (33 करोड़ 61 लाख 65 हजार 676 रुपये) का भुगतान किया गया है। जालंधर में स्थापित 17 बैंचों का निरीक्षण इंचार्ज सीजेएम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी जालंधर अमित कुमार गर्ग द्वारा किया गया।
लोक अदालत के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए जिला एवं सैशन जज ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य लोगों को जल्दी एवं सस्ता न्याय उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और इसके फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती।उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से निर्णय लेने से धन और समय की बचत होती है।

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