जालंधर, जिले की मंडियों में प्रशासन द्वारा किसानों की फसलों को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं तथा किसानों द्वारा मंडियों में लाई गई फसलों की ढेरियों को ढकने के लिए पर्याप्त मात्रा में तिरपाल उपलब्ध करवाई गयी है।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि जिले में बेमौसमी बारिश को देखते हुए अनाज मंडियों में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में तिरपाल उपलब्ध करवा दी गई है ताकि मंडियों में पड़े अनाज के ढेरों को ढका जा सके।
उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जिले की मंडियों में धान की आमद कुछ कम हो गई है, जिसमें मौसम में सुधार होते ही तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि 15 अक्तूबर तक जिले की मंडियों में 142884 मीट्रिक टन धान की आमद हुई है, जिसमें से 141031 मीट्रिक टन फसल विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि पनग्रेन द्वारा 49139 मीट्रिक टन, मार्कफेड द्वारा 34516 मीट्रिक टन, पनसप द्वारा 43488 मीट्रिक टन, पंजाब स्टेट वेयरहाउस कॉरपोरेशन द्वारा 13322 मीट्रिक टन और प्राइवेट व्यापारियों द्वारा 566 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों को खरीदी गई फसल का 276 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
किसानों के अनाज की खरीद के लिए राज्य सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि धान की उचितखरीद, लिफ़्टिंग और भुगतान सुनिश्चित करने और बाजारों में बिक्री के लिए अपनी फसल लाने वाले किसानों को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी जाएगी।डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से अपील की कि वह सरकार द्वारा निर्धारित नमी सीमा के अनुसार सूखा धान ही मंडियों में लाएं ताकि उनकी फसल बिना किसी देरी के खरीदी जा सके।इसके अलावा उन्होंने किसानों से धान की कटाई के बाद पराली न जलाने की भी अपील की ताकि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को पराली जलाने के नकारात्मक प्रभावों से बचाया जा सके।