जालंधर, डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने शनिवार को जिले में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत चल रहे ठोस कचरा प्रबंधन प्रोजैक्टों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि गांवों को ठोस कचरे की समस्या से मुक्त किया जा सके।
इस संबंध में बैठक के दौरान डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-2 के तहत जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 439 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है और 122 परियोजनाएं स्वीकृत की गयी है।
उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को गांवों में चल रही ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाओं की निगरानी सुनिश्चित करने को कहा ताकि उन्हें निर्धारित समय में पूरा किया जा सके। श्री सारंगल ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर साप्ताहिक तौर पर प्रोजैक्टों की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन गांवों में यह परियोजनाएं शुरू नहीं हुई हैं, वहां आवश्यक प्रक्रिया तत्काल पूरी की जाए और परियोजनाएं जल्द शुरू की जाएं ताकि गांवों में ठोस कचरे का उचित निपटारा सुनिश्चित किया जा सके।
डिप्टी कमिश्नर ने गांव के तालाबों के पानी को रिचार्ज करने के लिए बनाए जा रहे डी-सिल्टिंग चैंबर की प्रगति का जायजा लेते हुए इस कार्य को पहल के आधार पर पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि डी-सिल्टिंग चैंबर के माध्यम से तालाब के पानी को रिचार्ज करने से भूजल संरक्षण में मदद मिलेगी।
डिप्टी कमिश्नर ने लोगों को उचित कूड़ा निपटारा के लिए प्रेरित करने के निर्देश देते हुए कहा कि शिक्षा, ग्रामीण विकास, पंचायत सहित अन्य संबंधित विभागों को शामिल कर जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि सहयोग से गांवों में कूड़ा निपटारे की समस्या का समाधान किया जा सके।इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने मगनरेगा योजना की समीक्षा की और अधिक से अधिक जॉब कार्डधारियों को रोजगार उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि योजना के तहत दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिये अधिक से अधिक प्रयास किए जाए।इस मौके पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा, जल सप्लाई एवं सैनीटेशन विभाग के एक्सियन और सभी बीडीपीओ भी मौजूद थे।