रमेश बिधूड़ी को लोकसभा ने बचा लिया! किसी सभा में दानिश अली पर बोले होते ऐसे बोल तो पहुंच

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद रमेश बिधूड़ी की संसद में टिप्पणी से राजनीतिक माहौल गरमा गया है. 18 सितंबर से शुरू हुए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के दौरान उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के एमपी दानिश अली को लेकर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बाद उनके इस्तीफे और संसद से निलंबित किए जाने की मांग उठने लगी है. उधर, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की है. उनका कहना है कि संसद में दानिश अली ने रमेश बिधूड़ी को इतना उकसाया कि वह ऐसी भाषा बोल बैठे.

विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि अभी तक रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया है, जबकि मानसून सत्र के दौरान गलत बयानबाजी और गलत व्यवहार के चलते सस्पेंड कर दिया गया था. संसद में अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो इसके लिए संसद की रूल बुक में कुछ नियम हैं और उसके अनुसार ही किसी सांसद को निलंबित किया जा सकता है. रूल बुक के नियमों के मुताबिक, नियम उल्लंघन या अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार अध्यक्ष के पास होता है और सदन में हुई गलत बयानबाजी को कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती. ऐसे में अगर रमेश बिधूड़ी पर कार्रवाई होती है तो वह लोकसभा की रूल बुक के मुताबिक ही होगी. वहीं, अगर किसी चुनावी जनसभा में उन्होंने दानिश अली पर इस तरह की टिप्पणी की होती तो उन्हें तीन साल से 5 साल तक की सजा हो सकती थी. आईपीसी की धारा 153ए, 153एए, 505 और 505(1) के तहत ये प्रावधान है.

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