जालंधर, जालंधर भाजपा के जिला सचिव अनु शर्मा ने महिला आरक्षण विधेयक 2023 का लोकसभा एवं राज्यसभा में पूर्ण बहुमत से पारित होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत देश के संवैधानिक पदों पर महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण से राष्ट्र के लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी। यह ऐतिहासिक 128 वां संविधान संशोधन विधेयक राष्ट्रीय राजनीति में महिलाओं के कुशल एवं दक्ष नेतृत्व हेतु महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। अनु शर्मा ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लागू होते ही सभी राजनैतिक दलों में महिला नेत्रियों का वर्चस्व बढ़ेगा। अनु शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार में भाजपा की महिला सांसदों ने हमेशा से राष्ट्र हित के मुद्दों पर खुला समर्थन रहा है और इस ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक को राष्ट्र में लागू करने मे भी भूमिका निभा रही है।उन्होंने ने कहा कि महिला भी किसी से कम नहीं है और देश के प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया है कि आज वक्त है कि महिला कंधे से कंधा मिलाकर देश के सर्वांगीण विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।नारी शक्ति को विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक से नहीं मिल रहा है. इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा।
उन्होंने कहा बीते 7 दशकों में कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने महिलाओं को वोट बैंक के रूप में प्रयोग किया। मोदी सरकार ने देश की आजादी के बाद पहली बार महिलाओं के लिए न केवल शौचालय का निर्माण किया, बल्कि बहनों को गैस सिलैंडर देकर उनके जीवन को सरल करने की दिशा में बड़ा काम किया। कांग्रेस पार्टी महिला आरक्षण बिल पर दावे कर रही है, सच तो यह है की शाह बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीठ दिखने वाली कांग्रेस महिलाओं के प्रति कितनी संवेदनशील है। मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग विशेष कर ओबीसी, एससी/ एसटी वर्ग की महिलाओं के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी है। अभी कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने विश्कर्मा श्रम योजना के अंतर्गत तीन तरुण चुघ लाख की राशि का कर्ज देने की घोषणा समाज के कमजोर वर्ग की महिलाओं के उठान की दिशा में बड़ा कदम है। इस बिल के पारित होने से जहां नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व और मजबूत होगा, वहीं इनके सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत होगी। यह सिर्फ एक कानून नहीं है, बल्कि इसके जरिए राष्ट्र निर्माण में अमूल्य भागीदारी निभाने वाली देश की माताओं, बहनों और बेटियों को उनका अधिकार मिला है। इस ऐतिहासिक कदम से जहां करोड़ों महिलाओं की आवाज और बुलंद होगी, वहीं उनकी शक्ति, साहस और सामर्थ्य को एक नई पहचान मिलेगी।