चंद्रयान-3 मिशन पर अंतरिक्ष रणनीतिकार पी.के. घोष ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है. कारण यह है कि चंद्रयान 2 लैंडिंग नहीं कर सका था और अब हम पूरी दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हमारे पास न केवल तकनीकी क्षमता है बल्कि हमारे पास दक्षिणी ध्रुव पर जाकर सॉफ्ट लैंडिंग करने की भी क्षमता है. साउथ पोल एक ऐसा क्षेत्र है जहां अब तक कोई लैंडिंग नहीं हुई है. पहले की सभी लैंडिंग भूमध्य रेखा के अंदर और उसके आसपास हुई. दक्षिणी ध्रुव पर उतरना कठिन है और इसलिए इतने कम बजट में ऐसा करना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.’