की लैंडिंग से पहले रूस को बड़ा झटका, चांद पर लैंड नहीं हो सका लूना-25; गड़बड़ी आने के बाद हुआ क्रैश

नई दिल्ली, चंद्रमा पर लूना-25 की लैंडिंग की उम्मीद लगाए बैठे रूस को रविवार को बड़ा झटका लगा है। रूस का ताजा स्पेस मिशन फेल हो गया है। चांद की सतह पर लैंड करने से ठीक 24 घंटे पहले रूसी अंतरिक्ष यान लूना-25 क्रैश हो गया। बीते दिन रूसी स्पेस एजेंसी ने लूना-25 में गड़बड़ी आने की जानकारी दी थी। दुनियाभर में चांद के जिन दो मिशन की सबसे ज्यादा चर्चा थी, उसमें पिछले महीने लॉन्च किया गया भारत का चंद्रयान-3 और दूसरा रूस का लूना-25 था। रूस ने अपने अंतरिक्ष यान 10 अगस्त को लॉन्च किया था। हालांकि, इसकी लैंडिंग भारत के चंद्रयान-3 से दो दिन पहले होनी थी। माना जा रहा था कि 21 अगस्त को चांद की सतह पर लूना-25 उतर जाएगा, लेकिन उससे पहले ही रविवार को यह क्रैश हो गया। वहीं, चंद्रयान-3 की लैंडिंग 23 अगस्त की शाम को छह बजकर चार मिनट पर होनी है। रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को बताया कि रूस का मानवरहित रोबोट लैंडर अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एजेंसी ने कहा कि लैंडिंग से पहले की तैयारी के दौरान किसी समस्या के आने के बाद शनिवार को अंतरिक्ष यान से उसका संपर्क टूट गया था। अंतरिक्ष एजेंसी के रविवार के बयान में कहा गया, “वह अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराव के वजह से उसका अस्तित्व समाप्त हो गया।”

लूना-25 अंतरिक्ष यान में लैंडिंग से पहले शनिवार को तकनीकी खराबी आ गई थी। रोस्कोस्मोस ने बताया था कि अंतरिक्ष यान में लैंडिंग से पहले की कक्षा में प्रवेश करने की कोशिश करते वक्त खराबी आ गई और वैज्ञानिक स्थिति का आकलन कर रहे हैं। अंतरिक्ष एजेंसी ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, ”अभियान के दौरान स्वचालित स्टेशन में एक असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई जिससे मानकों के साथ निर्धारित प्रक्रिया को अंजाम नहीं दिया जा सका।” रूसी अंतरिक्ष यान ने शनिवार को अपने पहले नतीजे भी जारी किए थे। रोस्कोस्मोस ने बताया था कि वह सूचना का विश्लेषण कर रहा है लेकिन एजेंसी ने बताया कि प्रारंभिक आंकड़ों से चंद्रमा की मिट्टी में रासायनिक तत्व मिलने की जानकारी मिली है। चंद्र अन्वेषण में रूस महत्वपूर्ण वापसी कर रहा है। 1976 में सोवियत युग के लूना-24 मिशन के बाद लगभग पांच दशकों में पहली बार, 10 अगस्त को लूना-25 अंतरिक्ष में भेजा गया। अभी तक केवल पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ने चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में कामयाबी हासिल की है।

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