जालंधर, बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से पूरी तरह से पूरी तैयारियां की जा रही हैं। सोमवार देर रात को बाढ़-संवेदनशील इलाकों में सांसद सुशील कुमार रिंकू और डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने दरिया के किनारों में आने वाली किसी भी तरह की दरार से निपटने के लिए मिट्टी की बोरियां भरवाने का काम शुरू किया। बड़ी तादाद में मिट्टी और रेत की बोरियां भरवाकर अलग-अलग इलाकों में रखी जा रही हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह की दरार इत्यादि को भरने का काम बिना किसी देरी के शुरू किया जा सके। यह सारी कसरत इसलिए की जा रही है ताकि बाढ़ जैसी स्थिति से तत्काल निपटा जा सके।
सांसद सुशील रिंकू और डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि रात साढ़े 9 बजे तक विभिन्न इलाकों में टीमें खाली बोरियों को मिट्टी व रेत से भरने के काम में लगी हुई थी। उन्होंने कहा कि इन बोरियों को भरकर अलग-अलग जगहों खासकर बाढ़-संवेदनशील इलाकों में स्टॉक के तौर पर रखा गया है ताकि कहीं भी दरिया इत्यादि में दरार की सूचना मिले तो उसे बिना किसी देरी इन बोरियों की मदद से भर दिया जाए। जहां मिट्टी की कटाव ज्यादा हो रहा है, वहां इन बोरियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सांसद व डीसी ने बताया कि साल 2019 में पौने दो लाख क्यूसिक पानी सतलुज में आया था लेकिन इस साल यह आंकड़ा तीन लाख क्यूसिक के पार चला गया है। इसके बावजूद स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन लोगों के साथ खड़े हैं और उन्हें इस आपदा से बचाकर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। दिन-रात 24 घंटे प्रशासन की टीमें डटी हुई हैं और लोगों को बचाने के लिए हर संभव कोशिशें की जा रही हैं।