उच्चा खेड़ा बेट (फिल्लौर/जालंधऱ)-
जालंधर से लोकसभा मेंबर सुशील कुमार रिंकू व डिप्टी कमिश्नर जालंधर विशेष सारंगल ने जरूरतमंद लोगों की सेवा व मानवता की मिसाल पेश करतु हुए लुधियाना जिले के अंतर्गत आने वाले गांव में एक परिवार की जान बचाई।
संसद मैंबर व डिप्टी कमिश्नर दोनों फिल्लौर सब डिवीजन में बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे थे, जब उन्हें सतलुज के किनारे बसे गांव उच्चा खेड़ा बेट में एक परिवार के फंसे होने के बारे में इमरजेंसी संदेश मिला। उन्हें बताया गया कि जलस्तर तेजी से बढ़ने की वजह से परिवार को जल्द से जल्द बचाने की जरूरत है। इस बीच कुछ अधिकारियों द्वारा मेंबर पार्लियामेंट व डिप्टी कमिश्नर को इस बात से अवगत करवाया गया कि यह गांव लुधियाना में पड़ता है पर क्योंकि यह गांव उक्त जिले से कट गया था, इसलिए दोनों ने कीमती जानों को बचाने के लिए सरकारी तंत्र को तुरंत सक्रिय किया।
सतलुज में आए उफान में फंसे परिवार को बचाने के लिए सांसद व डिप्टी कमिश्नर खुद एनडीआरएफ की टीम को साथ लेकर किश्ती में गए। जब दोनों मौके पर पहुंचे तो परिवार द्वारा अपना घर छोड़ने से इंकार कर दिया गया। लोकसभा मेंबर व डिप्टी कमिश्नर ने परिवार को उनके साथ किश्ती में सुरक्षित स्थान पर चलने के लिए प्रेरित किया गया क्योंकि परिवार की कीमती जाने बचाना उस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत थी।
इस दौरान लोकसभा मेंबर व डिप्टी कमिश्नर दोनों ने कहा कि यह जिलों के अधिकार क्षेत्र की बात नहीं है, फिलहाल मानवता सबसे पहले है। उन्होंने कहा कि चूंकि गांव लुधियाना से कट गया है और गांव वासियों द्वारा जालंधर प्रशासन के नंबरों पर फोन किया गया है, इसलिए इन परिवारों की मदद करना उनका फर्ज बनता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार उनके द्वारा लोगों की कीमती जानें बचाने के लिए ही यह मुहिम चलाई गई है।
उन्होंने कहा कि यह मानवता का फर्ज है और वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें इस संकट की घड़ी में लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि जालंधर प्रशासन द्वारा इस मुश्किल घड़ी में लोगों की कीमती जानें बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना यकीनी बनाने के लिए पहले ही व्याप्क सिस्टम स्थापित किया गया है।