पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. आखिर ये घटना कैसे हुई? हर कोई जानना चाहता है. इस पूरी घटना हाल उस शख्स ने बताया, जिसने न सिर्फ अपनी आंखों से ये दुर्घटना होते हुए देखी बल्कि मदद के लिए भी सबसे पहले आगे बढ़ा. सड़क दुर्घटनाओं में अमूमन देखा जाता है कि मदद के लिए लोग बहुत कम ही आगे आते हैं. इस पूरे मामले में जिस शख्स ने दीप सिद्धू और उनके साथ कार में मौजूद उनकी मित्र रीना की मदद की, उसका नाम यूसुफ है. वह मेवात के रहने वाले हैं. वह अपनी मां के साथ कार में सवार थे और पानीपत जा रहे थे. यूसुफ ने ही दीप सिद्धू के भाई मनदीप को फोन कर घटना की जानकारी दी थी.यूसुफ का कहना है, ‘बादली टोल पार करने के बाद कुछ ही दूरी पर यह सड़क हादसा हुआ था. यूसुफ की कार पीछे थी और दीप सिद्धू की स्कॉर्पियो आगे. यूसुफ बताते हैं कि दीप सिद्धू की कार की गति 100 से 120 किलोमीटर की रही होगी. कार बीच वाली लेन में चल रही थी. ट्रक नॉर्मल 40 से 50 किलोमीटर की स्पीड में था. दीप सिद्धू की कार ने पीछे से ट्रक में टक्कर मारी, जिसके बाद यूसुफ ने ट्रक के आगे अपनी कार लगाकर उसे रुकवाया और ड्राइवर को नीचे उतारा. दीप सिद्धू स्टेयरिंग और सीट के बीच बुरी तरह फंसे हुए थे. उनके साथ कार में जो महिला मित्र थीं, पहले उन्हें निकाला गया. दीप सिद्धू के साथ जो महिला मौजूद थीं, उन्होंने दीप सिद्धू के भाई मनदीप का नंबर बताया था.’युसूफ ने बताया, ‘मैंने उन्हें कॉल कर दुर्घटना की जानकारी दी. फिर मेरे पास दिल्ली से किसी सोनू का फोन आया. मैंने उन्हें लोकेशन बताई. उन्होंने कहा कि मैं 1 घंटे तक पहुंचूंगा. यूसुफ ने मदद के लिए कुछ गाड़ियों को रुकवाने का प्रयास किया लेकिन 5 मिनट तक कोई नहीं रुका. बाद में कुछ गाड़ियां रुकीं. दुर्घटना के समय दीप सिद्धू की सांसें चल रही थीं. लेकिन वह कार के अंदर बुरी तरह से फंसे हुए थे. दोनों एयर बैग भी खुल चुके थे. दीप सिद्धू बुरी तरह स्टेयरिंग के बीच फंसे हुए थे. लोहे की रॉड से स्टेयरिंग को तोड़ कर दीप सिद्धू को बाहर निकाला गया. ट्रक ड्राइवर के नंबर से ही 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को जानकारी दी गई. 2 एम्बुलेंस आईं. एक में दीप सिद्धू को ले जाया गया