जालंधर, सब रजिस्ट्रार दफ्तर एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां बिना एनओसी वाली रजिस्ट्री करने के एवज में 15 से 20 हजार रुपये रिश्वत वसूली जाती है जिसकी वसूली सब रजिस्ट्रार दफ्तर में काम करने वाले प्राईवेट कारिंदों से करवाई जाती है तांकि पकड़े जाने पर सरकारी कर्मचारी पर कोई आंच न सके। इसका खुलासा करते हुए लोक इंसाफ पार्टी के जिला प्रधान जसबीर सिंह बग्गा ने करते हुए विजीलैंस को शिकायत सौंपी है। बग्गा ने कहा कि सब रजिस्ट्रार दफ्तर में हर रोज कई ऐसी रजिस्ट्रियां दर्ज की जाती हैं जिनकी दस्तावेज अधूरे होते हैं या फिर एनओसी नहीं होती।
पंजाब में तेजी से अवैध कालोनियों के विस्तार को रोकने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दर्ज करवाई गई एक याचिका की सुनवाई के बाद बिना एनओसी वाली रजिस्ट्री दर्ज करने के लिए पाबंदी लगाई गई थी। इन आदेशों का पालन आदेश जारी होने के कुछ दिनों तक ही किया गया मगर बाद में हालात पहले से भी बत्तर हो गए। अब जालन्धर सब रजिस्ट्रार -1 तथा 2 में धड़ल्ले से बिना एनओसी वाली रजिस्ट्रियां रिश्वत के बूते दर्ज की जा रही हैं।
लोक इंसाफ पार्टी के जिला प्रधान जसबीर सिंह बग्गा ने फेसबुक पर लाईव होकर खुलासा करते हुए कहा कि उनके पास कुछ तस्वीरें पहुंची है जिसमें सब रजिस्ट्रार दफ्तर में काम करने वाले कारिंदें वसीका नवीसों से वसूली करते दिखाई दे रहे हैं। यह काम डीसी दफ्तर में मौजूद विजीलैंस के दफ्तर से चंद कदमों की दूरी पर ही रोज चलता है मगर आज तक विजीलैंस विभाग अपने दफ्तर के आसपास रिश्वत के इस काले धंधे को बेनकाब नहीं कर पाई।