जालन्धर, नकोदर रोड पर स्थित मान मैडिसिटी में आज दोपहर भी यहां दाखिल एक महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टर मान पर इलाज में कौताही बरतने तथा स्टाफ द्वारा धक्कामुक्की करने के आरोप लगाए। मृतक राज कुमारी के बेटे प्रवीण ने बताया कि उसके पिता कारगिल की जंग में शहीद हुए थे तथा उनकी माता का इलाज आर्मी की ओर से बने मेडिकल कार्ड पर फ्री चल रहा था। बीते एक महीने पहले उन्हे मान मेडिसिटी में दाखिल करवाया गया था उन्हे कोरोना संबंधि कोई शिकायत नहीं थी और यहां दाखिल होने के बाद अस्पताल द्वारा माता राज कुमारी का कोरोना टैस्ट किया गया था जोकि नैगिटिव आया। धीरे धीरे हालत में सुधार हो रहा था और आक्सीजन लैवल 99-100 तक पहुंच गया था। डाक्टर मान का कहना था कि एक दिन बाद छुट्टी मिल जाएगी। मगर उसी रात को आईसीयू वार्ड से फोन आया कि आपकी माता की हालत बहुत खराब है तथा आप आखिरी बार आकर उन्हे मिल लो। जब अस्पताल पहुंचे तो उनकी मौत चुकी थी और उन्हे रातों रात जरनल वार्ड से कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस पर डाक्टरों का कहना था कि मरीज का ब्लैड प्रैशन बढ़ गया था जिसके बाद उन्हे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मगर परिजनों का आरोप है कि ब्लड प्रैशर बढ़ना एक आम बात थी ऐसे मेंं कोरोना वार्ड में शिफ्ट करने की क्या जरूरत थी। मृतक महिला के बेटे प्रवीण का आरोप है कि उनकी माता की मौत कोरोना वार्ड में शिफ्ट करने से यहां दाखिल कोरोना मरीजों से संक्रमित होने के बाद हुई। प्रवीण ने कहा कि जब उन्होने अपनी माता का शव लेने के लिए डाक्टरों को कहा तो डाक्टर तथा उसके बांऊसरों ने धक्कामुक्की की और बाहर फेंकने के लिए कहा।