जालंधर डीजल के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि, पड़ोसी राज्यों तक बसों का संचालन बंद हो जाने, महिलाओं को निःशुल्क यात्रा सुविधा देने के बाद लॉकडाउन लागू होना पंजाब रोडवेज पर खासा भारी पड़ा है। पंजाब रोडवेज मौजूदा समय में भारी आर्थिक संकट से घिर चुकी है। हालात यह हो चुके हैं कि अब डिपो का खर्च चलाने के लिए मुख्यालय से आने वाले फंड का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
पंजाब रोडवेज जालंधर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डीजल के मौजूदा मूल्य के मुताबिक पंजाब रोडवेज को अपनी बसों के संचालन में लगभग 18 रुपए प्रति किलोमीटर की कमाई डीजल खरीदने पर ही खर्च करनी पड़ रही है। अगर इसमें मुलाजिमों के वेतन, रिपेयरिंग आदि समेत अन्य खर्च भी जोड़ लिए जाएं तो फिर खर्च 24 रुपये प्रति किलोमीटर आता है। मौजूदा समय में रोडवेज को महिला यात्रियों की 0 टिकट को अलग कर देने से लगभग 18 रुपये प्रति किलोमीटर ही कमाई हो रही है। साफ पता चल रहा है कि अगर पंजाब सरकार अति शीघ्र महिला यात्रियों के किराए का भुगतान रोडवेज को नहीं करती है तो फिर रोडवेज लगभग 6 रुपये प्रति किलोमीटर घाटे में जा रही है। कर्फ्यू वाले दिनों में तो कमाई इससे भी ज्यादा नीचे गिर जाती है।पंजाब रोडवेज जालंधर 1 के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि बसों में यात्रियों की संख्या कम हो चुकी है और प्रति किलोमीटर कमाई में भी गिरावट आ चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यालय की तरफ से लगातार डिपो को पर्याप्त फंड मुहैया करवाए जाने की प्रक्रिया जारी है