जालंधर,(विशाल)- स्वास्थ्य संभाल संस्थाओं में आक्सीजन के सर्वोत्तम प्रयोग को विश्वसनीय बनाने के लिए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) विशेष सारंगल ने गुरूवार को आडिट टीमों को सभी प्राईवेट अस्पतालों के दौरे करने और जल्दी से जल्दी आक्सीजन आडिट पूर्ण करने के निर्देश दिए ।राज्य स्तरीय आक्सीजन निगरानी समूह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल समीक्षा मीटिंग में हिस्सा लेते अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने समूह सदस्यों को इस जीवन रक्षक गैस के सर्वोत्तम और तर्कसंगत प्रयोग को विश्वसनीय बनाने के लिए जालंधर प्रशासन की तरफ से उठाए कदमों के बारे में अवगत करवाया।सारंगल ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर, जालंधर घनश्याम थोरी के दिशा -निर्देशों पर सिविल अस्पताल, जालंधर में आडिट किया गया था, जिस के नतीजे के तौर पर इस कीमती जीवन रक्षक गैस की बचत हुई। ए.डी.सी. ने आगे कहा कि सभी प्राईवेट अस्पतालों में इस गैस की बर्बादी, माँग और सप्लाई की जांच के लिए ऐसे आडिट करने के आदेश दिए गए हैं।अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पूरे अभ्यास का उदेश्य आक्सीजन के तर्कसंगत प्रयोग के द्वारा इसके उपभोग को कम करना है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान इस गैस की हर बूँद को बचाने की ज़रूरत है, खासकर इस मुश्किल दौर में। उन्होंने आडिट टीमों के सदस्यों को अस्पतालों में विवेकी पहुँच पैदा करने के लिए भी कहा जिससे बड़े जनतक हित में ओ2 की बर्बादी और दुरुपयोग को घटाया जा सके