जालंधर,(विशाल)- कोविड-19 के कारण जिले की मंडियों में जहां गेहूं की खरीद प्रक्रिया को उचित ढंग के से पूर्ण करने के लिए सभी जरुरी प्रबंध किए गए हैं, वहीं किसानों की फसल को बेमौसमी बारिश से बचाने के लिए भी पुख्ता बंदोबस्त हैं। इसके साथ ही सीधी अदायगी के लिए किसानों की ‘अनाज खरीद पोर्टल’ पर रजिस्ट्रेशन के लिए जिले की 12 मार्केट समितियों में ‘फार्मर हैल्प डेस्क’ स्थापित किए गए हैं, जिनको किसानों की तरफ से समर्थन दिया जा रहा है। अब तक 217.41 करोड़ रुपए की सीधी अदायगी किसानों के बैंक खाते में की जा चुकी है।इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि किसानों को बिना किसी असुविधा के गेहूं की खरीद के साथ-साथ लिफ्टिंग और अदायगी के काम को सभ्यक ढंग से पूर्ण किया जा रहा है। इस के साथ ही खुराक और सिविल सप्लाई विभाग और ज़िला मंडी बोर्ड को बेमौसमी बारिश के कारण ज़रुरी प्रबंधों को यकीनी बनाने के आदेश दिए गए है, जिससे किसानों की तरफ से मंडियों में लाई फसल को नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने गेहूं की खरीद संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि अब तक मंडियों में 320861 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हुई है, जिसमें से 319033 मीट्रिक टन फसल की खरीद हो चुकी है और खरीद की गई फसल की अदायगी के तौर पर 217.41 करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किये जा चुके हैं। अलग -अलग खरीद एजेंसियों की तरफ से गई खरीद के विवरण सहित जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि अब तक पनग्रेन की तरफ से 91995 मीट्रिक टन, मार्कफैड्ड की तरफ से 84777, पनसप की तरफ से 69270, पंजाब स्टेट वेयर हाऊस की तरफ से 43404 और एफ.सी. आई. की तरफ से 29587 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि राज्य सरकार के आदेशों पर जिला प्रशासन किसानों को बिना किसी परेशानी के गेहूं की खरीद प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए वचनबद्ध है और मंडियों में कोविड -19 के दौर में फसल की उचित खरीद प्रक्रिया को यकीनी बनाने के लिए मजबूत व्यवस्था तैयार किया गया है। दूसरी तरफ जिला खुराक और सिविल सप्लाई कंट्रोलर नरिंदर सिंह ने बताया कि बेमौसमी बारिश कारण सभी ओपन स्टोरेज भंडारों को ढकने को यकीनी बनाया गया है, जिससे किसानों की फसल को बारिश में गीला होने से बचाया जा सके। जिला मंडी अधिकारी मुकेश कैलों अनुसार गेहूं की फसल को बारिश में भीगा हुआ से बचाने के लिए आढ़तियों की तरफ से मंडियों में पडी गेहूं की ढेरी के अनुसार तरपालें उपलब्ध करवाई गई हैं।