जालंधर (विशाल)-शुक्रवार रात को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मोबाइल पर मैसेज आया कि शनिवार सुबह 11.30 बजे सिविल अस्पताल में आकर कोरोना वैक्सीन लगवानी है। चंडीगढ़ से भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने सबसे पहले वैक्सीन लगवाने वालों में शामिल होकर लोगों को पाजिटिव संदेश देने का आदेश दिया। मैंने दोनों संदेशों का जवाब हां में दिया।मैं शनिवार को सुबह उठ कर तैयार हुआ और घर से निकलने से पहले परमात्मा से अरदास की। हे परमात्मा वैक्सीन को इतनी कामयाबी देना कि इसे लगवाने वाला हर व्यक्ति सुरक्षित रहे। यह उसके लिए रामबाण साबित हो ताकि भविष्य में कोरोना वायरस उसका बाल भी बांका न कर सके। मुझे परिवार के सदस्यों ने शुभकामनाओं के साथ वैक्सीन लगवाने के लिए घर से रवाना किया। सुबह 11.25 बजे मैं सिविल अस्पताल पहुंच गया। 11.32 बजे कोरोना वैक्सीन लगाने का शुभारंभ किया गया और 11.35 बजे वैक्सीनेटर पूनम ने कोरोना की पहली डोज लगाई।मैं बहुत खुशकिस्मत हूं की मुझे सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने का अवसर मिला। मैंने कोरोना और वैक्सीन में से लोकहित के लिए वैक्सीन को चुना। यह भविष्य में लोगों के लिए सुरक्षा कवच बनेगी और उन्हें कोरोना से सुरक्षित रखेगी। वैक्सीन लगवाने के बाद मुझे एक सुखद एहसास हुआ। वैक्सीन के बारे में जो मैंने पढ़ा है उसके मुताबिक यह पूरी तरह से सुरक्षित है। हर किसी को वैक्सीन लगवा कर खुद को सुरक्षित रखने के साथ दूसरों को सुरक्षित बनाना होगा।विश्व भर के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत के बाद करोड़ों डालर खर्च कर इसकी रिसर्च की है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और डरने की कोई बात नहीं है। पिछले साल मार्च में जब पहला कोरोना वायरस संक्रमण का मरीज सामने आया था, तब लोग इलाज के लिए आगे नहीं आते थे। लोग उसके घर के आसपास जाने से डरते थे। उस समय वह खुद अपनी टीम को लीड करते थे और लोगों को कोरोना से जीतने के लिए प्रेरित करते थे। मैंने सरकारी अस्पताल में इलाज से हजारों मरीजों को कोरोना के खिलाफ जीत हासिल करने के काबिल बनाया।