आवारा पशुओं से होने वाले हादसों पर लगाम, प्रशासन ने कन्याकलां गऊशाला की क्षमता बढ़ाने का किया फैसला

जालंधर ,(विशाल)-बेसहारा पशुओं से सम्बन्धित सड़क हादसों को रोकने और ज़िला निवासियों के कीमती जीवन को बचाने के लिए प्रशासन ने 15 जनवरी, 2021 तक शाहकोट में कन्याकलां गऊशाला के सामर्थ्य को बढ़ा कर 800 पशु करने का फैसला किया है। कन्याकलां गऊशाला के सामर्थ्य को 500 पशुओं से बढ़ाकर 800 पशु करने के लिए नये शैड का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। मंगलवार को मुख्य सचिव विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई एक वीडियो -कान्फ़्रेंस में भाग लेते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि नये शैड की लागत 14 लाख रुपए है, जिस का काम पूर्ण होने के नज़दीक है। थोरी ने कहा कि यह नया शैड पशुओं बेहतर प्रबंधन के साथ बिजली, चारा और पीने वाले पानी की सुविधा आदि ज़रूरी सुविधाओं के साथ लैस होगा।डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि कन्याकलां गऊशाला में तीन कैटल शैड हैं, जिनमें इस समय 519 पशु हैं। उन्होंने कहा कि इस नए शैड के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद जालंधर में एक और गऊशाला का निर्माण करने के लिए उपयुक्त ज़मीन ढूंढने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग और नगर निगम को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल ज़रूरी पशुओं को सड़कों से यहां लाने और उनकी उपयुक्त देखभाल को विश्वसनीय बनाने की है। थोरी ने पशु पालन विभाग को हादसों को रोकने के लिए सड़क पर फिरते पशुओं की गदरनों पर रेडियम वाली रात को चमकने वाली बैलटें लगाने से सम्बन्धित काम करने के लिए कहा और पुलिस आधिकारियों को लोगों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन शुरू करने के निर्देश दिए, जहाँ वह बेसहारा पशुओं से सम्बन्धित जानकारी दे सकें। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि ज़िला प्रशासन ने बेसहारा पशुओं की समस्या के साथ निपटने के लिए बहु-समर्थकी रणनीति अपनाई गई है

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