जालंधर, कमिश्नर पुलिस ने गुरप्रीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में वर्ष 2020 दौरान नए मील पत्थर स्थापित किए। यह वर्ष जालंधर कमिश्नरेट पुलिस के लिए एक नई और असाधारण चुनौती लेकर आया। जिला पुलिस को आम कानून व्यवस्था के मुद्दों के अलावा विश्व व्यापक महामारी कोविड-19 के रूप में एक अदृष्ट दुशमन से निपटना पड़ा था, लेकिन भुल्लर के नेतृत्व में पुलिस ने कोरोना और समाज विरोधी तत्वों दोनों से लोगों की सुरक्षा को विश्वसनीय बनाया। खाकी वर्दी, जोकि हमेशा हमें देश भर के अनेकों बहादुर पुलिस और पैरा-मिलटरी के जवानों की बेमिसाल बलिदानों और बहादुरी भरे प्रसंगो की याद दिलाती है, जिन्होंने मात्र भूमि की सुरक्षा के लिए अपने, जीवन का बलिदान कर दिया। कोरोना संकटकाल में लोगों की सेवा करने के लिए भी खाकी फ्रंट लाइन में रही। एक समय जब समूचा विश्व कोविड -19 महामारी के रूप में एक नई चुनौती का सामना कर रहा था, पुलिस फोर्स ने पूरे आत्मविश्वास के साथ नई जिम्मेदारी को संभाला और लोगों को इस महामारी से बचाने के लिए इसके साथ मुकाबला किया।जालंधर कमिश्नरेट पुलिस लोगों के जीवन को बचाने के लिए अपने और परिवारों के जीवन को जोखिम में डालकर लॉकडाउन लागू करने में सबसे आगे रही। भयंकर गर्मी, भारी बारिश और कड़ाके की ठंड में लोगों के जीवन को बचाने के लिए पुलिस ने दिन और रात के कर्फ्यू में अपना कर्तव्य सफलतापूर्वक निभाया। जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने पूरे जोश और समर्पण भाव से लोगों की सेवा करने की पुलिस की शानदार परंपरा को कायम रखने के अतिरिक्त कोविड -19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगए गए कर्फ्यू/लॉकडाउन के दौरान लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए लगन के साथ अपनी ड्यूटी निभाई। उन्होंने लोगों को बीमारी से बचाने के लिए मास्क पहनने, अपने हाथ साबुन से धोने या उन्हें सैनिटाइज करने और सामाजिक दूरी बनाकर रखने के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं पुलिस ने जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और सूखे राशन का प्रबंध करने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी। जालंधर कमिशनरेट पुलिस के इस ईमानदार, सहृदय और मददगार स्वभाव ने आम लोगों की नजरों में पंजाब पुलिस की इज्जत को और बढ़ा दिया। दूसरे तरफ अमन-कानून की स्थिति में जालंधर कमिशनरेट पुलिस ने पिछले 2 वर्षों की तुलना में लूट के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की। वर्ष 2018 में चेन सनैचिंग के 39 मामलों के मुकाबले इस साल सिर्फ 9 केस ही दर्ज हुए।इसी तरह वर्ष 2018 में मोबाइल छीनने के 101 केस दर्ज किए गए और इस वर्ष 33 दर्ज किए गए। वर्ष 2018 में नकदी/पर्स छीनने के कुल 169 मामले दर्ज किए गए थे, जो इस वर्ष कम होकर 36 रह गए हैं। वाहन छीनने के इस साल 6 मामले दर्ज किए गए हैं। कमिश्नरेट पुलिस इस साल दर्ज कुल मामलों में से 73% को हल करने में सफल रही, जोकि वर्ष 2018 में सिर्फ 41% था