जालंधर (विशाल)-अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) विशेष सारंगल ने कहा कि प्राथमिक क्षेत्र में कुछ बैंकों द्वारा दिखाई गई खराब कारगुजारी को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। सोमवार को अलग-अलग बैंकों की ज़िला सलाहकार व समीक्षा समिति की तिमाही मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह बड़ी चिंता का विषय है कि कुछ बैंकों द्वारा तरजीही क्षेत्रों जैसे कृषि और इससे जुड़े अन्य धंधों और एम.एस.एम.ई. की ज़रूरत अनुसार सहायता नहीं की गई। उन्होंने बैंकों को कर्जों से सम्बन्धित प्राप्त अर्ज़ियों की पेंडेंसी को जल्दी से जल्दी ख़त्म करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन बैंकों का यह रवैया सहन करने के योग्य नहीं है, बैंकों को सरकार की तरफ से निर्धारित किये गए लक्ष्यों को आवश्यक तौर पर प्राप्त करना चाहिए। इस दौरान एक अन्य मुद्दे पर बोलते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने बैंकों को कहा कि अपनी सामाजिक/नैतिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए समाज के गरीब वर्ग की भलाई के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक ज़रूरतमन्द लोगों की तरफ अलग-अलग स्कीमों और कर्जों के द्वारा सहायता का हाथ बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा कर्ज़ स्कीमें चलाने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि समाज के जरूरतमंद लोगों को अपनी ज़िंदगी बदलने का एक मौका ज़रूर दिया जाये जिससे वे भी गर्व और सम्मान के साथ जीवन यापन सकें। इस दौरान अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने नाबार्ड की तरफ से ज़िला जालंधर के लिए संभावित कर्ज़ योजना 2021 -22 भी जारी की। उन्होंने कहा कि योजना का विषय ‘किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादों का समूहीकरन‘ है। उन्होंने बैंकों को एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फंड, एग्री -क्लीनिक और एग्री -बिज़नेस सैंटर और नेशनल लाइवस्टॉक मिशन, एग्री मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्रेडिट लिंकड सब्सिडी स्कीम समेत अलग-अलग नयी स्कीमों से सम्बन्धित लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कहा जिससे वह इन स्कीमों का लाभ ले सकें। मीटिंग दौरान रूडसैट के आधिकारियों द्वारा संस्था की सालाना रिपोर्ट भी पेश की गई। इस अवसर पर एलडीएम सुरिन्दरपाल, डीएम नाबार्ड सविता सिंह और अन्य मौजूद थे