सिरसा , 02 अक्तूबर (पवन शर्मा )-जिलाधीश रमेश चंद्र बिढ़ाण ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला सिरसा की सीमा में फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी लगाई है। आदेशों में कहा गया है कि जिला की सीमा में धान की फसल की कटाई के बाद बचे हुई भूसे/अवशेष को किसानों द्वारा जला दिया जाता है जिससे प्रदूषण होने से आमजन के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है तथा आगजनी आदि होने पर सम्पत्ति की हानि या मानव जीवन को भारी खतरे की संभावना रहती है। इसके अलावा पशुओं के चारे की कमी होने की भी संभावना बनी रहती है।
जिलाधीश ने बताया कि पराली/भूसे को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के आदेश क्रमांक ओए नम्बर 118 ऑफ 2013 दिनांक 10 दिसंबर 2015 के आदेशानुसार धान के अवशेष जलाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। फसलों के अवशेषों को जलाने से उत्पन्न धुआं आसमान में दूर-दूर तक चारों और फैल जाता है।
इसके अलावा हरियाणा सरकार द्वारा भी समय-समय पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा जारी आदेशों की कड़ाई से पालना हेतू निर्देश दिए गये हैं। आपातकालीन स्थिति, समय की कमी तथा वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर जनमानस को सूचनार्थ एवं पालना हेतू ये आदेश जारी किए गए है। उक्त आदेश की अवहेलना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत संपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा।