जालंधर, (विशाल) –दिसंबर को मानव अधिकार दिवस पर दलित दासता विरोधी आंदोलन संगठन ने उनकी मांगें ना पूरी होने पर डिप्टी कमिश्नर ऑफिस के बाहर रोष प्रदर्शन किया। इसमें पंजाब की इंडस्ट्री में काम करने वाले मजदूरों, खेत मजदूरों और मनरेगा मजदूरों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी को मांग पत्र देने का भी एलान किया है।
प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने बंधुआ मजदूरी की प्रथा पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन मजदूरों के लिए कम से कम वेतन को एलान करे। उन्होंने मनरेगा मजदूर व खेती मजदूर के वेतन में हो रहे फर्क को बराबर करना और मजदूरों के लिए साफ पानी और स्वच्छ स्थल पर रहने का प्रबंध करना जैसी मांगें भी उठाईं। संबंध में जानकारी देते हुए संगठन की अध्यक्ष एडवोकेट गगनदीप ने बताया कि सरकार मजदूरों के साथ नाइंसाफी की जा रही है। एक तरफ मजदूर वर्ग कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहा है तो दूसरी तरफ पंजाब सरकार भी मजदूरों के साथ गलत नीतियां अपना रही है। गांवों में मनरेगा मजदूरों की बात ना तो सरपंच सुन रहे हैं, ना ब्लॉक या विकास अफसर। सरकार को मजदूर विरोधी नीतियों को तुरंत बंद करना चाहिए।