अष्टमी पर अहोई अष्टमी व्रत संतान की दीर्घायु, सुख और अच्छे स्वास्थ्य के लिए

कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है. आज यह व्रत किया जा रहा है. यह व्रत मुख्य रूप से संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए माताएं रखती हैं. आज महिलाएं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखा हुआ है. शाम के समय वे अहोई माता की पूजा करती हैं और शाम को तारों को या फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. ये करवा चौथ से ज्यादा कठिन व्रत माना जाता है क्योंकि चंद्रमा देर से उगता है

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने अहोई अष्टमी व्रत का विधान किया था. माना जाता है कि इस दिन अहोई माता की आराधना करने से संतान की रक्षा होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. अहोई माता को सप्तभूजा देवी के रूप में भी जाना जाता है. द्रिक पंचांग के मुताबिक, 13 अक्टूबर यानी आज चंद्रमा निकलने का समय रात 11 बजकर 20 मिनट का है. वहीं, तारे दिखने का समय दिल्ली में शाम 6 बजकर 17 मिनट, नोएडा में 6 बजकर 20 मिनट और गुरुग्राम 6 बजकर 20 मिनट है.

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