चंडीगढ़, शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर के कन्वीनर जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला ने प्रेस बयान जारी करते हुए बंगा से अकाली दल विधायक डॉ. सुखविंदर सुखी के पार्टी छोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है। अकाली दल पार्टी के केवल तीन विधायक थे, जिनमें से सरदार मनप्रीत सिंह इयाली विधानसभा चुनाव में मिली निराशाजनक हार के कारणों के लिए गठित झुंदा कमेटी को लागू करने की मांग को लेकर पहले ही पार्टी की गतिविधियों से दुरी बनाकर बैठे हैं.
दोआबा से एकमात्र विधायक का आप में शामिल हो जाने से साबित होता है कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल की कार्यशैली से जहां कार्यकर्ता निराश हैं, वहीं चुने हुए प्रतिनिधि भी निराशा की स्थिति से गुजर रहे हैं।
जत्थेदार वडाला ने पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल को ताज़ा हालतों के जरिए सलाह देते हुए कहा कि पिछले समें के दौरान बड़ी हारों का सामना करना पड़ा, जिस का कारण पूरा पंथ भलीभांति जानता है। इन नतीजों से तस्वीर साफ नज़र आती है कि अकाली कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं. डॉ. सुखी के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से इस बात पर मोहर लग गई है की नेतृत्व परिवर्तन से ही अकाली दल में लोगों का विश्वास बहाल होगा।
जत्थेदार वडाला ने जोर देकर कहा कि हमारे बुजुर्गों, पंथ हितैषीओ ने 104 साल पहले शिरोमणि अकाली दल जैसा जुझारू संगठन बनाया था, तो उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि एक दिन पंथ और पंजाब के लिए बनाई गई पार्टी उनका नेतृत्व करेगी, पर बहुत दुखी मन से आज उस उम्मीद को टूटते देख समय के नेतृत्व ने अपने स्वार्थ और निजपरस्ता को प्राथमिकता दी जबकि उन पंथक योद्धाओं के बलिदान को ध्यान में रखते हुए त्याग की भावना से बलिदान देना चाहिए था।
उन्होंने सभी अकाली वर्करों और नेतृत्व से अपील करते हुए कहा कि कोई भी वर्कर और लीडर अकाली दल को छोड़ने की बजाए इकठे होकर पंथ के सुनहरे भविष्य के लिए और अकाली दल में आई कमियों और कमजोरियों को दूर करने के लिए सुधार लहर के साथ जुड़े।
लोगों की आशाओं और भविष्य में आने वाली चुनौतियों को मुख्य ध्यान में रखते हुए पार्टी को पंजाब और पंथ के हितों के लिए ईमानदार, नेक, और सक्षम नेतृत्व की अगवाई में मजबूत किया जा सकता है।