जालंधर, पिपली गांव में हुए हमले के मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अपराध से जुड़े कई हथियार और वाहन भी बरामद किए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा कि ये गिरफ्तारियां 3 अगस्त को पिपली गांव, लोहियां में पूर्व सैनिक बलविंदर सिंह के परिवार पर हुए हमले की चल रही जांच के तहत की गई हैं। एसएसपी खख ने मीडिया को बताया, “एसएचओ लोहियां बख्शीश सिंह और इंस्पेक्टर सीआईए स्टाफ जालंधर ग्रामीण के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। हमारी टीमों ने इस मामले से जुड़े विभिन्न हथियार और वाहन जब्त किए हैं।” गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुखजीवन सिंह उर्फ गग्गू, अमनदीप सिंह उर्फ अमना, पुपिंदर सिंह उर्फ पिंडू, जगदीप सिंह उर्फ जग्गी, गुरजीत सिंह, हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, गुरप्रीत सिंह उर्फ बाबा, शमशेर सिंह उर्फ साबी, जतिंदर कुमार उर्फ बॉबी और योगेश कुमार उर्फ जैरी के रूप में हुई है।
पुलिस ने 4 जिंदा कारतूस के साथ एक .32 बोर पिस्तौल और 4 जिंदा कारतूस के साथ एक देशी पिस्तौल (.315 बोर) बरामद की है। इसके अलावा, कृपाण (औपचारिक तलवारें), दातार (घुमावदार ब्लेड), लाठी और कहिस (खेती के औजार) भी बरामद किए गए।
जब्त किए गए वाहनों में एक होंडा सिटी कार (PB-12-F-6896), एक ऑल्टो कार (PB-12-AG-9956), एक चोरी किया हुआ सोनालीका ट्रैक्टर और पांच मोटरसाइकिल शामिल हैं। इन मोटरसाइकिलों में एक स्प्लेंडर (PB-33-1-8579), एक लाल बॉक्सर (PB-08-AE-8753), एक काले और चांदी रंग की होंडा (PB-08-EL-4370), एक काले और नीले रंग की बजाज प्लेटिना (PB-08-EH-5620) और एक काले रंग की हीरो स्प्लेंडर (PB-08-FE-4066) शामिल हैं।
एसएसपी खख ने कहा कि हमले की साजिश कथित तौर पर दो एनआरआई भाइयों, दारा सिंह और दरबारा सिंह ने रची थी, जो वर्तमान में इंग्लैंड में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम उनकी भूमिका की जांच जारी रखे हुए हैं और लुकआउट नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में हैं।”
इसी से जुड़े घटनाक्रम में, ईएसआई अवतार सिंह (नंबर 179/जालंधर-ग्रामीण) को इस मामले में कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पुलिस उपाधीक्षक (सब डिवीजन शाहकोट) की रिपोर्ट के अनुसार, एएसआई अवतार सिंह भूमि विवाद से संबंधित एक पूर्व शिकायत पर उचित कार्रवाई करने में विफल रहे, जिससे हिंसक घटना को रोका जा सकता था। उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है।