नई दिल्ली, संसद में हंगामे की आरोपी नीलम आजाद के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई है. इस दौरान कोर्ट के सामने पेश हुए नीलम के भाई राम निवास ने कहा कि दिल्ली पुलिस की एक टीम उनके गांव आई हुई थी. पुलिस उनसे एक ब्लैंक पेपर पर साइन करने का दबाव बना रही थी. उनके परिजनों को भी ऐसा करने के लिए कहा जा रहा था. लेकिन उन लोगों ने किसी भी पेपर पर साइन करने से इंकार कर दिया था.दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट में याचिका दाखिल करके नीलम आजाद के परिजनों ने एफआईआर की कॉपी मांगी है. इसके साथ ही परिजनों और वकील को नीलम से मिलने की इजाजत भी मांगी गई है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि एक प्रार्थना पत्र पर कई राहत की मांग कैसे की जा सकती है. नीलम के परिजनों के वकील से दोनों राहतों के लिए अलग-अलग आवेदन दायर करने के लिए कहा गया है. इसके साथ उन्हें दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास जाने का आदेश दिया गया है.कोर्ट ने कहा कि नीलम के परिजनों को पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास जाना चाहिए. वो उनकी बात को सुनने के लिए तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन करेंगे. यदि उनको वहां से न्याय नहीं मिलता है, तब जाकर उनको कोर्ट का रुख करना चाहिए. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने नीलम के परिजनों की मांग का विरोध किया था. पुलिस का कहना था कि एफआईआर की कॉपी दिए जाने से कई “महत्वपूर्ण जानकारी” के “लीक” होने का खतरा है.