पाकिस्तान को देख लीजिए ट्रूडो साहब! क्यों कनाडा को पश्चिम का आतंकिस्तान बनाने पर तुले हैं?

ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाकर खालिस्तानी समर्थकों के साथ अपने घनिष्ठ राजनीतिक संबंधों और अपनी सरकार की हिंसा में शामिल होने से ध्यान हटाने की कोशिश की है। ट्रूडो के बेबुनियाद दावे से भारत के सामने मुंह बाए खड़ी एक बड़ी समस्या छिप नहीं सकती। वह समस्या है-  अंग्रेजी भाषी देशों में खालिस्तानी चरमपंथियों को शरण दिया जाना जो खालिस्तान प्रदेश बनाने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं। भारत में सिखों के बीच खालिस्तान के विचार के बहुत कम समर्थक हैं, जैसा कि वॉशिंगटन स्थित प्रतिष्ठित प्यू रिसर्च सेंटर ने 2021 में जारी एक सर्वेक्षण में बताया है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 95% सिख ‘भारतीय होने पर बहुत गर्व’ करते हैं। वास्तव में, 70% सिखों का मानना है कि ‘जो व्यक्ति भारत का अनादर करता है वह सिख नहीं हो सकता’। यहां तक कि कनाडा और अन्य अंग्रेजी भाषी देशों में भी खालिस्तान समर्थक सिखों की तादाद मुट्ठीभर ही है। फिर भी दो कारकों का एक नापाक गठजोड़ खालिस्तानी आतंकवाद को विदेशों में जीवित रख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *