जालंधर, (रोजाना आजतक)-राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण और पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जालंधर द्वारा प्री – इंस्टीटूशन मीडेएशन में मामलों का निपटारा किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला एवं सैशन न्यायाधीश-कम-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण जालंधर निरभऊ सिंह गिल ने कहा कि एक मामले में, वृद्धाश्रम में रहने वाले एक बुजुर्ग जोड़े को उनके बेटों द्वारा खर्च देने पर सहमति हुई। उन्होंने आगे कहा कि एक अन्य मामले में, कर्मचारी का बकाया मालिक द्वारा दिया गया।
जिला एवं सैशन न्यायाधीश-कम-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी जालंधर ने कहा कि समझौते के माध्यम से मामलों के निपटारे के कई फायदे होते हैं। उन्होंने कहा कि इससे दोनों पक्षों का अदालती खर्च बच जाता है और भाईचारा कायम रहता है.उन्होंने कहा कि जो मामले अदालतों के बीच लंबित हैं और जो मामले किसी भी अदालत में लंबित नहीं हैं, उनके समझौते मध्यस्थता केंद्र जालंधर में करवाए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एडीआर सेंटर में कई वकील और न्यायाधीश जो प्रशिक्षित मध्यस्थ हैं, सुलह कराते हैं। उन्होंने आगे बताया कि विभाग समय-समय पर लोक अदालतें नियुक्त करता है और राजीनामा के माध्यम से मामलों का फैसला करता है। उन्होंने बताया कि अगली लोक अदालत 09.12.2023 को आयोजित की जायेगी।
इस अवसर पर डा. गगनदीप कौर सीजेएम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण ने पीड़ित मुआवजा योजना के बारे में जानकारी दी।उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र जिला न्यायालय जालंधर या टोल फ्री नंबर 1968 पर संपर्क किया जा सकता है।