ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने इंग्लैंड में 18 वर्ष की आयु तक के सभी छात्रों के लिए गणित का अध्ययन अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है. उनके मुताबिक ‘एक ऐसी दुनिया में जहां डाटा हर जगह है और आंकड़े हर काम का आधार हैं’ युवाओं की मदद की जा सके. वैसे पीएम सुनक की दलील वास्तव में सही है कि ब्रिटेन में गणितीय कौशल की कमी है. सरकार की 2017 स्मिथ रिव्यू में पाया गया कि उच्च शिक्षा में गैर-एसटीईएम डिग्री वाले लगभग 20 प्रतिशत छात्रों ने ही 16 साल की उम्र के बाद गणित का अध्ययन किया.
नफील्ड फाउंडेशन की एक रिपोर्ट, जिसने इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स की तुलना 20 अन्य विकसित देशों (एस्टोनिया, स्पेन, जापान, कोरिया और रूस सहित) से की, तो पाया कि वे केवल छह देशों में से चार थे जहां 16 के बाद गणित की किसी तरह की पढ़ाई जरूरी नहीं थी. यही नहीं, यूके में लगभग आधे वयस्कों के पास उसी स्तर का संख्यात्मक कौशल होने की सूचना है जो प्राथमिक स्कूल में एक बच्चे से अपेक्षा की जाती है. गणित कौशल की इस कमी को दूर करने के लिए अनुमान लगाया गया है कि ब्रिटेन को प्रति वर्ष 20 अरब पाउंड खर्च करने होंगे.