NEW DELHI : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन एवं मकानों में दरारें पड़ने के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय में आज दोपहर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने यह बैठक बुलाई थी जिसमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, गृह सचिव, केन्द्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ इस मामले के सभी पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा जोशीमठ के जिलाधिकारी सम्मिलित हुए। इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने उन घरों का भी दौरा किया, जिनकी दीवारों और छत में चौड़ी दरारें आ गई हैं। इससे एक दिन पहले उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था।
धामी ने कहा था कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के सभी प्रयास किए जाएंगे। जोशीमठ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली के लिए प्रवेश द्वार है और इसके सामने बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है।