अपने वर्तमान के लिए दूसरों का भविष्य खराब न करें : नवजीत भारद्वाज

जालंधर, (संजय शर्मा)- गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग 11 महीने से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है। सर्व प्रथम वैदिक रीति अनुसार गौरी गणोश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन मुख्य यजमान सुनील प्रभाकर से सपरिवार हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई । इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते नवजीत भारद्वाज ने दरिद्रता को परिभाषित करते हुए कहा कि सदैव संसार अर्थात दूसरों से चाहने की वृत्ति ही दरिद्रता है उन्होने ने कहा कि अपने वर्तमान के लिए दूसरों का भविष्य खराब मत करिए। अपनी दीनता को वहां तक न ले जाएं कि आपकी आने वाली पीढियां दीन बनी रहें उन्होंने कहा कि सब कुछ होते हुए भी अधिक से अधिक और पाने के दरिद्रता रूपी दुर्भाग्य संतों के सौभाग्य रूपी सानिध्य से ही समाप्त होगा।दरिद्रता यदि रोग है तो संत वैद, उन्होंने कहा कि दूसरा व्यक्ति सुखी कर देगा इससे बड़ा दुख कोई हो ही नहीं सकता है। बिहर्मुखी होते ही अंदर दुख होगा, तो अंतर्मुखी होते ही बाहर सुख दिखाई देने लगेगा। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि निष्काम व्यक्ति वही है जो संसार से न मांगकर सब कुछ भगवान से ही मांगे। तब भगवान आपके लिए खुद सकाम बन जाएंगे और संसार में आपको निष्काम बना देंगे। विभीषण प्रत्यक्षत: कुछ भी नहीं मांगते हैं, पर भगवान राम उनके हृदय में पहले रही वासनाओं को भी अनदेखा नहीं करते और उन्हें लंका का राजा बनाकर कहते हैं मित्र तुम्हारी भले कोई इच्छा नहीं है पर मेरा दर्शन तो अमोघ है, अब लंका का राजा बनना तुम्हारी नहीं मेरी इच्छा है। इस अवसर पर राकेश प्रभाकर, गुरबाज सिंह, बावा जोशी, राजेंद्र कत्याल, गोपाल मालपानी, गौरव कोहली, गितेश, गुलशन शर्मा, पूनम प्रभाकर,एडवोकेट राज कुमार, बलजिंदर सिंह, एडवोकेट राज कुमार, पूनम प्रभाकर, साधना प्रभाकर, अश्विनी शर्मा धूप वाले, अमरेंद्र शर्मा, चंद्र शेखर, अमित कुमार, सुदेश शर्मा, पंकज उपाध्याय, राहुल शर्मा,रमन शर्मा, प्रशांत, साहिल मल्होत्रा, दीपक मल्होत्रा, आयान मल्होत्रा, सुमित, राकेश शर्मा, रोहित मल्होत्रा, राजन पाटनी, नीरज, मनी, प्रशांत, अजय, बावा खन्ना, रवि कुमार, वरुण सहोत्रा, समीर चोपड़ा, अभिलक्षय चुघ, वरुण, सौरभ, रोहित बहल, शाम लाल, जोगिंदर सिंह, ठाकुर बलदेव सिंह, मुकेश चौधरी, अभिलक्षय चुघ, साहिब, मंजीत कौर, राजीव, मोहित बहल, दीशांत शर्मा, राजन शर्मा, प्रिंस, पं. रमाकांत शर्मा, सौरभ मल्होत्रा, राकेश, रोहित बहल, प्रवीण, दीपक, अनीश शर्मा, अशोक शर्मा, सुनील जग्गी , दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का विशेष ध्यान रखा गया। आरती उपरांत प्रसाद रूपी विशाल लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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