रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आंखों में क्यों किरकिरी रहा है यूक्रेन? – विवेचना

23 फ़रवरी, 2014 की शाम पुतिन ने जब सोची शीत ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में भाग लिया तो उनके चेहरे पर संतोष की एक ख़ास मुस्कान थी. उस दिन मॉस्को में सुबह-सुबह उन्होंने अनजान योद्धाओं की समाधि पर फूल चढ़ाए थे. उनको देखनेवाले किसी भी शख़्स को ये अंदाज़ा नहीं था कि उस दिन तड़के सुबह हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने यूक्रेन के बारे में एक बड़ा फ़ैसला लिया था.

उस बैठक में उनके सबसे नज़दीकी लोग रक्षा मंत्री सर्गेई शोएगु, सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पात्रुशेफ, एफ़एसबी के निदेशक एलेक्ज़ेंडर बोर्तिनिकोव और राष्ट्रपति के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ सर्गेई इवानोफ शामिल हुए थे. बाद में पुतिन के नवा-ओगारेवो निवास पर हुई इस बैठक का विवरण देते हुए पुतिन ने कहा था, “ये बैठक सुबह सात बजे ख़त्म हुई थी. फिर मैंने सभी से सोने जाने के लिए कहा. चलते-चलते मैंने अपने चारों साथियों से कहा, यूक्रेन में इस तरह के हालात पैदा हो गए हैं कि हमारे लिए उसके हिस्से क्राइमिया को रूस में फिर से मिलाने के लिए काम करना शुरू करना ज़रूरी हो गया है.”

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