भारत में मिलेगी बूस्टर डोज की इजाजत? जानें सेंट्रल एक्सपर्ट पैनल ने क्या कहा

भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट पर बढ़ती चिंताओं के बीच, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बूस्टर डोज के लिए इजाजत मांगी है। कंपनी के आवेदन पर केंद्रीय दवा प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने शुक्रवार को बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन की संभावित बूस्टर खुराक को अधिकृत करने से पहले ​​परीक्षण डेटा प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस जुड़े अधिकारियों ने बताया, ”केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) में कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बूस्टर खुराक के रूप में और “विस्तृत विचार-विमर्श” के बाद कोविशील्ड के लिए एसआईआई के आवेदन की समीक्षा की। अनुशंसा की गई कि कंपनी को स्थानीय नैदानिक ​​परीक्षण डेटा और अतिरिक्त खुराक के लिए औचित्य प्रस्तुत करने को कहा।” पुणे स्थित SII ने 1 दिसंबर को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविशील्ड को बूस्टर खुराक के रूप में अधिकृत करने का अनुरोध किया। इसमें देश में नए कोरोना वायरस वेरिएंट के कारण बढ़ी चिंता से निपटने के लिए टीकों के पर्याप्त स्टॉक का हवाला दिया गया।SII में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने यूके की दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों की नियामक एजेंसी का भी हवाला दिया, जो AstraZeneca ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक को आगे बढ़ा रही है। आपको बता दें कि युनाइटेड किंगडम में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित, ChAdOx1 nCoV-19 यहां सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड ब्रांड नाम के तहत बेचा जाता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *