NEW DELHI : केंद्र सरकार से औपचारिक पत्र मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही करीब एक साल से चले आ रहे किसान आंदोलन का सफल पटाक्षेप हो गया जिसके बाद अब सिंघु बॉर्डर खाली होने लगा है। किसान अपने घरों को वापस लौटने लगे हैं।
भारी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रालियां होने की वजह से जीटी रोड पर जाम लगा हुआ है। हालांकि जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया था। कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी सीमा) से भी किसान अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं। वहीं, जश्न में शामिल होने के लिए पंजाब और हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान कुंडली पहुंचे हैं। किसानों की वापसी के साथ ही कुंडली बॉर्डर पर करीब आठ किलोमीटर तक का मार्ग खाली हो जाएगा। 50 फीसदी से अधिक किसान पहले ही लौट चुके हैं। माना जा रहा है कि तीन दिन तक मामूली मरम्मत होने के बाद जीटी रोड के दोनों तरफ की सर्विस लेन को चालू किया जा सकेगा। इससे वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी।
बताते चलें कि आज सुबह सबसे पहले किसान अरदास में शामिल हुए और फिर लंगर चलाया जा रहा है। लंगर के तुरंत बाद जुलूस के रूप में किसानों के जत्थे रवाना होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने वीरवार को सरकार के साथ सहमति बनने के बाद आंदोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी थी और शनिवार से वापसी का एलान किया था। बॉर्डर पर बचे किसानों ने सामान की पैकिंग का काम पूरा कर लिया है और वह रवाना होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया है। वहीं किसानों का कहना है कि धरनास्थल छोड़ने से पहले वह साफ-सफाई करेंगे, ताकि उनके जाने के बाद किसी को परेशानी न हो। वहीं, दिल्ली सरकार सीमाओं के खाली होने के बाद अधिकारियों से सर्वे कराकर टूटी-फूटी सड़कों को ठीक कराएगी। तीन कृषि कानून वापसी व अन्य मांगों को सरकार की ओर से मंजूर किए जाने पर किसानों ने लौटने की तैयारी शुरू कर दी है। एक ओर जहां सामान बांधने की तैयारी हो रही है वहीं, लंगर सेवा समेत मिठाइयां बांट रही हैं। शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मिठाइयां बांटकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। साथ ही, आंदोलनकारियों को लंगर सेवा देने के साथ अन्य लोगों को भी लंगर छकाया।
किसानों का कहना है कि बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसानों के रुकने की वजह से कई तरह के बंदोबस्त किए गए थे। इससे आसपास गंदगी भी हो गई थी, जाने से पहले बॉर्डर के आसपास जहां भी गंदगी हुई है, उसे किसान संगठन पूरी तरह साफ करेंगे, जिससे आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी न हो। वहीं, जिन स्वचलित शौचालयों को लाया गया था, उन्हें भी वापस भेज दिया जाएगा। आंदोलन स्थल पर समूह बनाकर सफाई की जाएगी। बता दें कि किसान एक साथ सुबह 10:30 बजे से जाना शुरू करेंगे। 13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाएंगे। वहीं 15 दिसंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक होगी। किसानों ने स्पष्ट किया है कि इसे आंदोलन का स्थगन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि जो प्रस्ताव अभी पूरी तरह से माने नहीं गए हैं उनकी किसान संयुक्त मोर्चा हर महीने समीक्षा करेगा। अगर लंबे समय तक किसानों की मांगे लटकी रहीं तो आंदोलन फिर शुरू होगा।