नई दिल्ली, अमेरिका के अफगानिस्तान से निकलने को लेकर डिफेंस और टेररिज्म एनालिस्ट्स ने जो बाइडेन प्रशासन को चेतावनी दी थी। कहा था कि अमेरिका के निकलने के बाद इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी अफगानिस्तान का बुरा हाल करने की कोशिश करेंगे। 26 अगस्त को काबुल में हुए हमले ने इस बात को सच साबित कर दिया। इस धमाके में अब तक 103 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 200 लोग घायल हैं। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान और पाकिस्तान शाखा आईएसआईएस-खोरासन (ISIS-K) ने ली है। इस हमले के बाद एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि कट्टर तालिबान का अलकायदा और ISIS-K जैसे आतंकी संगठनों से रार और बढ़ सकता है। इन ग्रुप्स के बीच पीढ़ीगत और सैद्धांतिक विभाजन है। हाल के सालों में आतंकियों के बीच इस्लामिक स्टेट बेहद लोकप्रिय है क्योंकि यह आतंकी संगठन इराक़ और सीरिया में कुछ दिनों के चरमपंथी जागीर बनाने में सफल रहा है।