-46 में से 27 सीट अकाली दल के खाते में आई, मिला बहुमत
NEW DELHI : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में लगातार तीसरी बार शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर अपना कब्जा बरकरार रखा है। अकाली दल को 46 में से 27 सीटें मिली हैं। पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार लिया है। हालांकि कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर ङ्क्षसह सिरसा खुद अपनी सीट नहीं बचा सके हैं। उन्हें शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के महासचिव एवं पूर्व कमेटी अध्यक्ष रहे हरविंदर सिंह सरना ने 469 वोटों से हराया है। जबकि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका चुनाव जीत गए हैं। इसके अलावा प्रमुख विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) को 14 सीटें मिली हैं। जबकि, पहली बार गुरुद्वारा चुनाव लड़ रही जागो पार्टी का खाता खुल गया है और उसको तीन सीटें मिलीं है। पार्टी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। इसके अलावा पंथक अकाली लर एवं निर्दलीय प्रत्याशी को 1-1 सीट मिली है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर तरविंदर सिंह मारवाह विजयी घोषित हुए हैं। चुनाव में 2 महिलाएं भी विजयी हुई हैं। इसमें से महिला अकाली दल की अध्यक्ष बीबी रंजीत कौर एवं सरना दल की ओर से हरजिंदर कौर शामिल हैं। चुनाव निदेशक नरिंदर सिंह के मुताबिक शिरोमिणी अकाली दल को 40.27 प्रतिशत वोट, सरना दल को 27.79 प्रतिशत, जागो पार्टी को 15.27, पंथक अकाली लहर को 2.3 प्रतिशत वोट मिला है।
बता दें कि चुनाव 22 अगस्त को हुआ था। मतगणना बुधवार को सुबह 8 बजे से दिल्ली के पांच स्थानों पर हुई। सीसीटीवी कैमरों एवं वीडियोग्राफी की निगरानी में मतगणना की गई। चुनाव के लिए 556 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे। सूत्रों के मुताबिक कमेटी चुनाव में कई प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गई हैं। वह चुनाव आयोग के तय मानक के अनुसार वोट हांसिल करने में नाकामयाब रहे। शिरोमणि अकाली दल को पिछली बार 2017 में 35 सीटें मिलीं थी, जबकि इस बार घट कर 27 पर पहुंच गई है। हालांकि 2017 में मंजीत सिंह जीके एवं मनजिंदर सिंह सिरसा मिलकर चुनाव लड़े थे।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी में इस बार 12 कमेटी सदस्यों सहित कई दिग्गज चुनाव हार गए। खुद कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा 469 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जिसके नेतृत्व में अकाली दल बादल ने पूरा चुनाव लड़ा था। हालांकि, पार्टी को जीत दिलवा दिए। इसके अलावा कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी, कमेटी के उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह बाठ, मलकिंदर सिंह, हरिंदर पाल सिंह, मंजीत सिंह औलख, हरजीत सिंह जीके (मंजीत सिंह जीके के भाई), जागो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चमन सिंह, हरजिंदर सिंह, स्वर्ण सिंह बराड़, कुलदीप सिंह साहनी, ओंकार सिंह राजा शामिल हैं। इसमें कई एक्जक्यूटिव मेंबर भी थे। इसके अलावा जागो पार्टी के महासचिव परमिंदर पाल सिंह चुनाव हार गए।
चुनाव में 6 धार्मिक दलों सहित निर्दलीय कुल 312 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। इसमें 132 प्रत्याशी निर्दलीय आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे।
राजधानी के 46 वार्डो पर हुए मतदान में इस बार वोटिंग प्रतिशत बहुत कम रहा। रक्षाबंधन त्यौहार होने के चलते मतदाता घरों से निकले ही नहीं। नतीजन 1,27,472 कुल वोट ही पड़े। मतदान 37.27 प्रतिशत रहा। पिछले 2017 के आम चुनाव से इस बार करीब 8 फीसदी से कम मतदान हुआ। पिछली बार 45.61 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस बार कुल 3,42, 065 वोट बने थे, जिसमें से 1,27, 472 वोट पड़े हैं। इसमें से 68,194 पुरूष मतादाता एवं 59,278 महिला मतदाताओं ने वोट है।