नवजोत सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रधान बनने के बाद कांग्रेस में बड़ी हलचल देखी जा रही है। सिद्धू मंगलवार दोपहर बाद अचानक चंडीगढ़ स्थित सचिवालय पहुंचे। यहां उनकी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक हुई। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को 5 मांगों वाली चिट्ठी सौंपी।
सिद्धू ने गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा प्राइवेट थर्मल प्लांट्स के साथ सरकार के पावर-परचेज एग्रीमेंट को रद्द या रिव्यू करने की मांग भी की गई है। सिद्धू और कैप्टन के बीच किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। सिद्धू ने विधानसभा का सत्र बुलाकर केंद्र के कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। ताकि इसे राष्ट्रपति को भेजा जा सके।
वहीं, पंजाब में प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों, डाक्टरों, सफाई कर्मियों, लाइनमैनों का मसला हल करने की भी मांग की गई है। सिद्धू ने ये मांग भी की है कि पंजाब में नशा खत्म करने के साथ उससे जुड़े बड़े नेताओं और रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बताया जा रहा है कि ये सभी मुद्दे कांग्रेस हाईकमान की तरफ से दिए गए 18 सूत्रीय फॉर्मूले में शामिल हैं।
कैप्टन के साथ हुई बैठक का एजेंडा सिद्धू ने सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया है। उन्होंने ट्विटर और फेसबुक पेज पर कैप्टन को सौंपा 5 मांगों वाला पत्र जारी करते हुए लिखा कि निर्णायक फैसले लिए बिना कभी भी कोई महान प्राप्ति हासिल नहीं होती। सिद्धू ने लिखा कि पंजाब को फैसले लेने में दिलेर, दृढ़ और सबको साथ लेकर चलने वाली लीडरशिप की जरूरत है। जो हर पंजाबी की जायज मांगों को पूरा करने के लिए वचनबद्ध हो।
सिद्धू ने कहा है कि हर पंजाबी को इंसाफ के नक्शे यानी हाईकमान के दिए 18 सूत्रीय एजेंडे पर पंजाब कांग्रेस वर्कर एकमत हैं। लोगों की भावनाओं को समझने के लिए कांग्रेस वर्कर्स के साथ बार-बार विचार-विमर्श और सलाह-मशविरा करने के बाद हम आपको एजेंडे के 18 में से वे 5 मुद्दे दे रहे हैं, जिनके ऊपर सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
नवजोत सिद्धू के साथ बैठक पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जो मुद्दे पार्टी नेताओं ने उन्हें बताए हैं, सरकार की तरफ से पहले ही उन पर काम किया जा रहा है। ये मुद्दे सरकार के रेजोल्यूशन के एडवांस स्टेज में हैं। कैप्टन ने कहा कि 2017 में किए ज्यादातर वादे उनकी सरकार ने पूरे कर दिए हैं। उन्होंने पंजाब कांग्रेस लीडरशिप को कहा कि बाकी लंबित मुद्दे भी जल्दी हल कर लिए जाएंगे। सिद्धू के साथ बैठक को सौहार्दपूर्ण बताते हुए कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार सभी चुनावी वादों को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है। कैप्टन ने सिद्धू और चारों कार्यकारी प्रधानों से कहा कि ‘उनकी जीत मेरी जीत है और हम सबकी जीत पार्टी की जीत है। हमें पंजाब और पंजाबियों के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।’
कैप्टन ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को सरकार की तरफ से लोगों के हक में लिए गए फैसलों और कार्रवाई को जमीनी स्तर पर ले जाने की जरूरत है। वे लोगों को जागरूक करें कि कांग्रेस सरकार ने पिछले करीब साढ़े 4 सालों में लोगों के लिए कितना बेहतर काम किया है। कैप्टन ने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को कहा कि सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल के लिए वो नियमित तौर पर उनसे मिलते रहें। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने के बाद कैप्टन की नाराजगी अभी तक थमी नहीं है। सिद्धू के बयानों को लेकर कैप्टन एक तो पहले से ही उनसे नाराज थे। दूसरा सिद्धू की ताजपोशी वाले दिन भी उनकी खूब अनदेखी हुई थी। सिद्धू ने मंच पर पूर्व प्रधान राजिंदर कौर भट्ठल और लाल सिंह के तो पैर छुए, लेकिन कैप्टन की तरफ देखा भी नहीं।
इससे पहले कैप्टन की तरफ से बुलाई गई मीटिंग में भी सिद्धू पहुंचे थे, लेकिन वहां भी दोनों के बीच कोई खास बात नहीं हुई। सिद्धू खेमे के विधायक अब लगातार कैप्टन समर्थक मंत्रियों पर निशाना साध रहे हैं।