शनि जयंती पर इस बार लगेगा सूर्यग्रहण, जानें क्या करें और क्या न करें

जालंधर,(विशाल)-न्याय के देवता माने जाते भगवान शनिदेव की जयंती पर पहली बार 10 जून को सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या के मुहूर्त में भगवान शनिदेव की आराधना करनी चाहिए। हालांकि, सूर्यपुत्र होने के कारण भगवान शनिदेव जयंती पर सूर्य ग्रहण का भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। देश में इसकी उपछाया रहेगी। इसके चलते लोगों को सूर्यग्रहण के दौरान बरती जाती सावधानियों का पालन करने की जरूरत नहीं है।श्री गोपीनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि देश में सूर्यग्रहण का खासा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन समूचे ब्रह्मांड में लगने वाले सूर्यग्रहण की अवधि के दौरान भगवान की अराधना और घर में पड़ी खाद्य सामग्री में कुशा जरूर डाल देनी चाहिए भगवान शनि जयंती का मुहूर्त9 जून देर रात 2.25 से लेकर 10 जून 4.24 बजे तक है सूर्य ग्रहण के सूतक का समय दोपहर 1.42 से शाम 6.41 बजे तक शास्त्रों के अनुसार भगवान शनि जयंती श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान व दान पुण्य के लिए भी बेहतर दिन है। इस दौरान लोगों को जरूरतमंद तथा गरीबों को राशन वितरित करने से लेकर पौधे लगाने का दोहरा फल प्राप्त होता है। इस बारे में ज्योतिषाचार्य आचार्य नरेश नाथ बताते हैं कि भगवान शनिदेव की जयंती को सच्चे मन के साथ मनाना चाहिए। इस दिन भगवान शनि देव के साथ-साथ श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी जरूर करें। इससे इंसान को दोहरा लाभ प्राप्त होता है।पंडित भोला नाथ द्विवेदी बताते हैं कि भगवान शनि देव न्याय के देवता हैं। उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए इंसान को जीवन में झूठ बोलने, धोखा देने व किसी का दिल दुखाने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन शराब पीने, जुआ सट्टा खेलने व झूठी गवाही देने से भी इंसान के पापों में इजाफा होता है। भगवान शनिदेव को यह विकार कतई बर्दाश्त नहीं है।

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