सरकारी अधिकारियों की लापरवाही ने बुजुर्ग महिला को राहत देने की बजाए उसकी परेशानी बढ़ा दी

कालांवाली, (पवनशर्मा )- सरकारी विभागों में अधिकारी किस प्रकार आंखे मूंदकर कार्य करते है, इसकी बानगी डीआरडीए (जिला ग्रामीण विकास एजेंसी) की कार्यशैली से देखी जा सकती है। गांव कालांवाली की एक विधवा महिला मुख्तयार कौर ने अपने पति की मृत्यु के बाद बीपीएल कार्ड से उसका नाम कटवाने के लिए आवेदन किया। तमाम औपचारिकता पूरी की और दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। डीआरडीए के सहायक परियोजना अधिकारी की ओर से इस बाबत खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए गए कि आवेदन के अनुसार बीपीएल सूची से मृतक का नाम काटकर विधवा को मुखिया के रूप में दर्ज किया जाए। डीआरडीए के सहायक परियोजना अधिकारी के इस पत्र को जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सिरसा द्वारा कालांवाली के सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी के नाम अग्र-प्रेषित कर दिया गया। लेकिन डीआरडीए द्वारा जारी पत्र में मृत्यु की तिथि 27 सितंबर 2020 अंकित कर दी गई, जबकि उसकी मृत्यु तिथि 27 सितंबर 2019 है। मुख्तयार कौर विधवा जग्गा सिंह का बेटा भी अपाहिज है। सरकारी अधिकारियों की लापरवाही ने बुजुर्ग महिला को राहत देने की बजाए उसकी परेशानी बढ़ा दी गई है।

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